I need an essay on the topic 'kerala' in hindi.
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यह कोई छोटा आश्चर्य नहीं है कि नेशनल ज्योग्राफी की मैगजीन "ट्रैवलर" और ' ट्रैवल + लीजर ' ने केरल को दुनिया के दस सबसे आनंददायक स्थलों में से एक बताया है और इसे जीवन में अवश्य देखे जाने वाले 50 गंतव्य स्थलों में भी शामिल किया है, साथ ही साथ 21 वीं शताब्दी की सौ महान यात्राओं की सूची में भी इसे स्थान प्राप्त हुआ है।पर्यटन के रंगइस राज्य के हर शहर, टाउन और दूर - दराज के गांव को भगवान के निजी देश के रूप में नवाजा गया है। जो लोग अपनी आंखों से यहां के दुर्लभ नजारे देखना चाहते हैं उन्हे यह राज्य शांत बुलावा देता है और यहां आने पर अपनी सारी दांस्ता अपनी खूबसूरती में बयां कर देता है। केरल राज्य में कुल 14 जिले हैं जिनमें कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझीकोड,मालाप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशुर, एर्नाकुलम, इडुकी, कोट्टयम, अलप्पुझा ( अलेप्पे ), पथानमथीट्टा, कोल्ल्म, तिरूवनंतपुरम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से हैं।पर्यटन स्थल होने के करण इन स्थलों की केरल में ज्यादा प्रसिद्धि है वैसे यहां के अन्य जिले भी काफी सुंदर हैं। भ्रमण करने के शौकीन पर्यटकों के लिए केरल, पर्यटन के लिए क्षैतिज स्थल है यानि यहां आकर पर्यटक एक साथ कई स्थानों पर सैर करके दुनिया के सबसे सुंदर प्राकृतिक नजारों को देख सकते हैं।केरल पर्यटन खेल में कई रंग हैं रेतीले तटों पर सैर, मन को प्रफुल्लित कर देने वाले बैकवॉटर्स, प्रकृति की सुंदरता से भरपूर हिल स्टेशन, श्रद्धालुओं के लिए असंख्य धार्मिक स्थल, आदि। यहां पर्यटक के लिए हर वो चीज है जो उसकी छुट्टियों को आरामदायक और मूड फ्रेश कर देने वाला बनाता है, उसकी छुट्टियां मजेदार हो जाती हैं, साहसिक गतिविधियों में भी आनंद आता है, साथ ही साथ रोमेंटिक मुलाकात यादगार हो जाती है और भक्तों को शांत वातावरण में तीर्थस्थलों में भी दर्शन हो जाते हैं।केरल के जलस्त्रोत - एक्वा का फैलाववर्कला, बेकल, कोवलम, मीनकुन्नू, चेरई तट, पय्यमबलम तट, शांगुमुखम्भ, मुझुप्पीलांगढ तट आदि ऐसे मनमोहक तट है जो केरल के पर्यटन का अनूठा बनाते हैं।केरल अपने मनमोहक बैक वॉटर के लिए भी बहुत ही प्रसिद्द है जिसमें अलेप्पी, कुमारकोम, कासरगोड, कोल्लम और थिरुवल्लम को शामिल किया गया है। ये स्थान छुट्टियां मानाने के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। यहाँ बैक वॉटर पर आपको ढेर साड़ी मनमोहक हाउस बोट देखने को मिलेगी जिसको देखकर आप बस मन्त्र मुग्ध हो जाएंगे।केरल में पहले नौकाओं द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाया जाता था आज यही नौकाएँ हाउस बोट का रूप ले चुकी है। यहाँ आने वाले सर्प नौका दौड़ जरूर देखें। इस नौका दौड़ का शुमार विश्व की उन दौड़ों में है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।केरल के हिल स्टेशन - लहराते चमत्कारकेरल में मुन्नार एक प्राचीन और प्राकृतिक हिल स्टेशन है, हालांकि अभी भी दक्षिण भारत के कई अन्य हिल स्टेशनों की तुलना में यहां ज्यादा व्यावसायीकरण नहीं हुआ है। राज्य के वायनाड जिले में स्थित हनीमून गंतव्य स्थल पर रोमेंटिक सैर के बाद इसी हिल स्टेशन की सबसे ज्यादा मांग हैं। वागामॉन, पोनमुडी, थेक्केडी, पीरमेडे आदि यहां के अन्य हिल स्टेशन हैं जिन्हे देखा जा सकता है, थेक्केडी को वन्यजीवन और जंगलों की सैर के भी जाना जाता है जहां जाकर पर्यटक साहसिक कार्य में भी रूचि लेते हैं। केरल पर्यटन में हिल स्टेशनों की गोद में शानदार छुट्टियां बिताई जा सकती हैं जो यहां के यादगार स्थान हैं।संस्कृति, भोजन और धार्मिक - सदभावना की छापकेरल की संस्कृति, भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है जिसमें कला के कई रूपों के विभिन्न पहलू, भोजन, पहनावा आदि शामिल हैं। कथकली और मोहिनीअट्टम यहां के प्रमुख नृत्य रूप हैं जो सारी दुनिया में सराहे जाते हैं। यहां प्रसिद्ध नृत्य और थियेटर रूप भी धार्मिक रंग को निखारते हैं जैसे - पारीसामूट्टू और चाविट्टू नादाकुम ईसाईयों का, मुस्लिमो में अप्पना जबकि कोडीय्यट्टम रूप हिंदू धर्म के कई मंदिरों में की जाने वाली कला है। केरलवासी, कर्नाटक संगीत में निपुण होते हैं। केरलवासी स्वंय को हमेशा मुंडू में रखते हैं, यह यहां की पारंपरिक पोशाक है।पुट्टु, इड्डीयप्पम, उन्नी अप्पम, पालादई प्रथमन ( पायसम का एक प्रकार ), केले के चिप्स, मछली की बनी डिश, लाल चावल आदि केरल के विशिष्ट व्यंजनों में से हैं जो राज्य के जायकों का मजा दिलाते हैं। यहां साध्या एक शब्द होता है जिसे कई प्रकार के शानदार व्यंजनों को तैयार होने के बाद केले के पत्ते पर परोसने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ओणम साध्या केरल के प्रमुख त्यौहार ओणम पर तैयार किया जाता है, यह विस्तारित साध्या का एक विशेष रूप होता है।केरल में मुख्य रूप से तीन धर्मो को माना जाता है - हिंदू, ईसाई और इस्लाम। केरल कई मंदिरों का घर है और एक ऐसा स्थान है जहां देवी को भगवती के स्वरूप में पूजा जाता है और पुकारा जाता है। चोट्टानिक्कारा भगवती मंदिर, अट्टुकल भगवती मंदिर, कोडूनगल्लूर भगवती मंदिर, मीनूकुलाथी भगवती मंदिर, मंगोट्टू कावू भगवती मंदिर आदि यहां के प्रमुख भगवती मंदिर हैं जहां केरल और अन्य आसपास के राज्यों से हजारों श्रद्धालु और तीर्थयात्री, यात्रा और दर्शन करने आते हैं।गुरूवायर श्री कृष्ण मंदिर एक प्रसिद्ध श्राइन है जिसके दरवाजे देश भर के श्रद्धालुओं के लिए हमेशा दर्शन करने हेतु खुले रहते हैं। सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर के बारे में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है, यह मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय धार्मिक केंद्रों में से एक है। त्रिशुर में अईरानीकुलम महादेव मंदिर, तिरूवनंतपुरम में पदमनाभास्वामी मंदिर, तिरूवल्ला श्रीवल्लभ मंदिर आदि केरल के प्रमुख लोकप्रिय मंदिरों में से हैं। उत्सवों व त्यौहारों के दौरान यहां हाथियों की पीठ पर भगवान की मूर्ति को रखकर जूलूस निकाला जाता है जो देखने लायक होता है, यह वाकई में पूरी तरह से भारतीय होता है।
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