I need ans of chapter Chandra grahan se lauti Ber class 9th
Answers
कविता :- चन्द्र गहना से लौटती बेर
कवि :- केदारनाथ अग्रवाल
प्रश्न - अभ्यास
1) 'इस विजन में ...... अधिक है’- पंक्तियों में
नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश
है और क्यों?
उत्तर:- ' इस विजन में ...... अधिक है '
प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि, नगरीय
संस्कृति के प्रति आक्रोश जताते है । वह ऐसा
इसलिए करते है क्यूंकि कवि के मन में प्रकृति
के लिए अत्यधिक अनुराग , प्रेम है । कवि का
यह आक्रोश है कि , वहां के लोग व्यवसाय को
अपना सब - कुछ मानते है । अतः व्यवसाय
को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते है। वहीं दूसरी
ओर वह प्रेम और सौंदर्य को महत्व नहीं देते ।
2) सरसो को ' सयानी ' कहकर कवि क्या
कहना चाहता होगा ?
उत्तर:- कवि अपने कविता में सरसो को '
सयानी ' बतलाया है। सयानी का अर्थ
अनुभवी होना या बुद्धिमान होना , अतः बड़ी
होना से है । इसी कारणवश , कवि सरसो को
सयानी कहकर संबोधित कर रहा है ।
3) अलसी के मनोभाव को वर्णन कीजिए ।
उत्तर :- अलसी को कवि ने हठीली कहा है ।
उसका देह पतला है और उसका कमर लचीला
है । उसके सर नीले रंग के फूलों से सुशोभित
है । साथ ही वह कहती है की जो भी इन फूलों
को स्पर्श करेगा वह अपना हृदय उसको दे
देगी।
4 ) अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का
प्रयोग क्यों किया गया है?
उत्तर :- अलसी को कवि ने हठीली कहा है।
कवि, हठीली विशेषण के माध्यम से यह
कहना चाह रहे है कि अलसी इतनी हठीली है
कि वह चने के पास ही उग गई है । या यूं कहें
चने के बीच में ही ।
5) ' चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की
किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
उत्तर :- ' चांदी का बड़ा - सा गोल खंबा ' में
कवि को मनुज का आभास हो रहा है । वह
मनुज जो व्यवसाय को महत्वपूर्ण मानता है ,
वह मनुज जो प्रेम, स्नेह और सौंदर्य को
महत्वपूर्ण नहीं मानता।
6) कविता के आधार पर ‘हरे चने’ का सौंदर्य
अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर:- ' हरे चने ' का सौंदर्य वर्णन कुछ इस
प्रकार है :-
• हरा चना लंबाई में छोटा है ।
• तथा उसकी लबाई एक बीते बराबर की है ।
• उसने ( हरे चने ने ) छोटे गुलाबी फूलों का
मुरैठा अपने सर पर बांधा हुआ है।
• हरा चना जो आकर में छोटा है वह सज -
धज कर खड़ा है।
7) कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ
किया है?
उत्तर :- कवि ने प्रकृति का मानकीकरण
निम्नलिखित स्थानों में किया है :-
( क ) यह हरा ठिगना चना,
बाँधे मुरैठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का,
सज कर खड़ा है।
( ख ) पास ही मिल कर उगी है,
बीच में अलसी हठीली।
देह की पतली,कमर की है लचीली,
नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर
कह रही है, जो छुए यह
दूँ हृदय का दान उसको।
( ग ) और सरसों की न पूछो
हो गई सबसे सयानी,
हाथ पीले कर लिए हैं,
ब्याह-मंडप में पधारी।
( घ ) फाग गाता मास फागुन
( ड़ ) हैं कई पत्थर किनारे,
पी रहे चुपचाप पानी
8)कविता में से उन पंक्तियों को ढूँढ़िए जिनमें
निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है—
और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़ ज़मीन है
लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को
स्पंदित कर रहा है।
उत्तर :- कविता के निम्नलिखत पंक्तियों में यह
भाव ( और चारों तरफ़ सूखी और उजाड़
ज़मीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर
मन को स्पंदित कर रहा है। ) व्यंजित हो रहे
है:-
दूर दिशाओं तक फैली हैं।
बाँझ भूमि पर
इधर–उधर रींवा के पेड़
काँटेदार कुरुप खड़े हैं
सुन पड़ता है
मीठा–मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टें टें टें;
Explanation:
chandragehna se lautati ber me kon sa alankaar hai