I need explanation of these lines
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मित्र बिस्मिल्ला खाँ काशी में रहते थे। वहाँ उनके खानदान की कई पुश्तों ने शहनाई वादन में नाम कमाया था। यह शहनाई डेढ़ शतक से उनके पुरखों को सम्मान दिला रही थी। जब बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई में अपने स्वर फूँके तो उसके मादक स्वर ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रकार देखते ही देखते शहनाई डेढ़ शतक के साज से दो शतक का साज बन गई।
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
शहनाई सांस के माध्यम से बजाई जाती है। फूंक द्वारा बजाए जाने वाला यह ऐसा वाद्य है, जो अपने जैसे अन्य वाद्यों के मध्य सर्वोपरि है। फूंक से बजाये जाने वाले वाद्यों में शहनाई को सरताज भी कहते हैं। धीरे-धीरे शहनाई सब तरफ विख्यात हो गई।
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