i neef a essay on dhaeaj pratha
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दहेज प्रथा में दुल्हन के माता-पिता द्वारा शादी के समय एक शर्त के रूप में दूल्हे के परिवार को बड़ी मात्रा में नकद, आभूषण और अन्य उपहार देने की आवश्यकता पड़ती है। भारत में किसी कारण की वजह से प्रणाली को शुरू किया गया था और वह यह था कि कुछ दशक पहले तक लड़की के पास माता-पिता की संपत्ति और अन्य अचल संपत्तियों पर कोई अधिकार नहीं था और उन्हें इसके बदले नकदी, आभूषण और अन्य सामान जैसी संपत्ति दे दी जाती थी। धीरे-धीरे गुज़रते समय के साथ यह बुरी सामाजिक प्रथा में बदल गई है।
धन और संपत्ति माता-पिता दहेज के रूप में अपनी बेटी को देने का इरादा रखते हैं ताकि वह नए स्थान पर परेशानी महसूस ना करें, दुर्भाग्य से, ज्यादातर मामलों में दूल्हे का सारा परिवार उस पर कब्ज़ा जमा लेता है। इसके अलावा पहले यह दुल्हन के माता-पिता का स्वैच्छिक निर्णय होता था इन दिनों यह उनके लिए एक मजबूरी बन गया है।
दुल्हन पर पर्याप्त दहेज नहीं लाने के लिए शारीरिक रूप और भावनात्मक रूप से अत्याचार के कई मामले उजागर हुए। कई मामलों में दुल्हन अपने ससुराल वालों की मांगों को पूरा करने के लिए अपने परिवार से गुहार करती है जबकि अन्य महिलाएं अपने जीवन को खत्म करने का विकल्प चुनती हैं। यह सही समय है कि भारत सरकार को इस बुरी प्रथा को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
धन और संपत्ति माता-पिता दहेज के रूप में अपनी बेटी को देने का इरादा रखते हैं ताकि वह नए स्थान पर परेशानी महसूस ना करें, दुर्भाग्य से, ज्यादातर मामलों में दूल्हे का सारा परिवार उस पर कब्ज़ा जमा लेता है। इसके अलावा पहले यह दुल्हन के माता-पिता का स्वैच्छिक निर्णय होता था इन दिनों यह उनके लिए एक मजबूरी बन गया है।
दुल्हन पर पर्याप्त दहेज नहीं लाने के लिए शारीरिक रूप और भावनात्मक रूप से अत्याचार के कई मामले उजागर हुए। कई मामलों में दुल्हन अपने ससुराल वालों की मांगों को पूरा करने के लिए अपने परिवार से गुहार करती है जबकि अन्य महिलाएं अपने जीवन को खत्म करने का विकल्प चुनती हैं। यह सही समय है कि भारत सरकार को इस बुरी प्रथा को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
sherylgupta65:
Nice
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