'इंसाफ़ में देरी यानी इंसाफ़ का कत्ल' इस विषय पर एक कहानी बनाइए।
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श्रीमान सोहन एक सरकारी कर्मचारी थे। सेवानिवृत्ति के पश्चात वे अपने पुश्तैनी मकान में रहने आए जो उन्होंने अब तक किराए पर दिया हुआ था । ... श्रीमान सोहन सेवानिवृत्ति के बाद 15 साल तक किराए के मकान में रहे, अदालतों के चक्कर लगाते रहे । उन्होंने महसूस किया कि इंसाफ़ में देरी यानी इंसाफ़ का क़त्ल ही था।
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