(i) सामाजिक वैज्ञानिकों की दृष्टि में निर्धनता का सूचक है-
(अ) घर की कमी
(स) जातिवाद
(ब) बढ़ती हुई जनसंख्या
(द) साक्षरता स्तर
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Answer:
saksherta far is correct answer
Answer:
बढ़ती हुई जनसंख्या
सामान्यतया प्रयोग किए जाने वाले सूचक वे हैं, जो आय और उपभोग के स्तर से संबंधित हैं, लेकिन अब निर्धनता को निरक्षरता स्तर, कुपोषण के कारण रोग प्रतिरोधी क्षमता की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रोज़गार के अवसरों की कमी, सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छता तक पहुँच की कमी आदि जैसे अन्य सामाजिक सूचकों के माध्यम से भी देखा जाता है।
Explanation:
सामान्यतया प्रयोग किए जाने वाले सूचक वे हैं, जो आय और उपभोग के स्तर से संबंधित हैं, लेकिन अब निर्धनता को निरक्षरता स्तर, कुपोषण के कारण रोग प्रतिरोधी क्षमता की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रोज़गार के अवसरों की कमी, सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छता तक पहुँच की कमी आदि जैसे अन्य सामाजिक सूचकों के माध्यम से भी देखा जाता है।
सामान्यत: सामाजिक विज्ञान में निर्धनता को आय और उपभोग के सूचकों द्वारा देखा जाता है। लेकिन कुछ सामाजिक वैज्ञानिक गरीबी को अन्य सूचकों द्वारा भी देखते हैं, जैसे अशिक्षा, कुपोषण के कारण घटी हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता, सफाई और साफ पेय जल का अभाव, आदि।
निम्न प्रति व्यक्ति आय
पर्याप्त पोषक भोज्य पदार्थ की कमी
न्यूनतम प्रमाणिक उपभोग की कमी
राष्ट्रीय आय से प्रत्येक व्यक्ति आय बढ़ेगी । प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से दरिद्रता दूर होगी । (v) शिक्षा: गरीबी को दूर करने के लिए शिक्षा की बड़ी आवश्यकता है । साथ ही उच्च शिक्षा और स्त्री उच्च शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ।
निर्धनता की गणना सापेक्ष एवं निरपेक्ष दोनों रूपों में की जाती है। सापेक्ष दृष्टि से निर्धनता का मापन विभिन्न वर्गों देशों के निर्वाह स्तर की तुलना करके की जाती है। निर्वाह स्तर का अर्थ है आय/उपभोग व्यय निरपेक्ष दृष्टि से निर्धनता मापन में निर्वाह की न्यूनतम जरूरतों- भोजन, वस्त्र, कैलोरी, आवास आदि को रखा जाता है।
सामाजिक वैज्ञानिकों द्वारा परिभाषित गरीबी के सूचक क्या है?
गरीबी भूख है और उस अवस्था में जुड़ी हुई है निरन्तरता। यानी सतत् भूख की स्थिति का बने रहना। गरीबी है एक उचित रहवास का अभाव, गरीबी है बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले पाने में असक्षम होना, विद्यालय न जा पाना और पढ़ न पाना। गरीबी है आजीविका के साधनों का अभाव और दिन में दोनों समय भोजन न मिल पाना।
सामाजिक कारण भी निर्धनता का प्रमुख कारण है, समाज में व्याप्त अनेक समस्याएं जैसे – लिंग भेद, जातिभेद, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद व अंधविश्वास निर्धनता जैसी समस्याएं उत्पन्न करने वाले प्रमुख कारक हैं। समाज में रहने वाले कुछ व्यक्ति ऐसे हैं जो समाज की नई परिस्थितियों को नहीं अपनाना चाहते हैं ।
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