Psychology, asked by sainichirag18, 9 months ago

*इंसान भी बहुत अजीब है, अपने बच्चों को सब कुछ देना चाहता है,*

*और अपने माँ-बाप का सब कुछ लेना चाहता है।*

*"पत्थर में भगवान है,यह समझाने में धर्म सफल रहा,*

*पर इंसान में इंसान है,यह समझाने में,*
*धर्म आज भी असफल है...!!"*​

Answers

Answered by sahil400022
1

Answer:

Nice sayari wow

Answered by jyotirmayee7070
1

Answer:

Explanation:

Hmm bhai yaha toh mene bhi mehsoos kiya hai

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