I स्वर संधि की परिभाषा लिखते हुए, उसके भेद उदाहरण सहित बताइए |
ii. परिमाणवाचक विशेषण व संख्यावाचक विशेषण में क्या अंतर है ?
iii. सकर्मक क्रिया के भेद बताते हुए उसे विस्तार सहित लिखिए ?
iv. समास किसे कहते हैं उसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखिए |
v. द्विगु समास की परिभाषा लिखते हुए, उसे उदाहरण सहित समझाइए।
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Answer:
1. दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। जैसे - सम् + तोष = संतोष, देव + इंद्र = देवेंद्र, भानु + उदय = भानूदय।
2. परन्तु इन दोनों में बहुत अंतर होता है; जैसे - यदि विशेष्य को गिना जा सके तो वह संख्यावाचक विशेषण होता है और यदि विशेष्य नापी तौली जाने वाली वस्तु हो तो वहाँ परिमाणवाचक विशेषण होता है।
3. जिस क्रिया में कर्म का होना ज़रूरी होता है वह क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है। इन क्रियाओं का असर कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है। सकर्मक अर्थात कर्म के साथ।सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं :
एककर्मक क्रिया
द्विकर्मक क्रिया
1. एककर्मक क्रिया:
जिस क्रिया में एक ही कर्म हो वह क्रिया एककर्मक क्रिया कहलाती है।
2. द्विकर्मक क्रिया
जिस क्रिया में दो कर्म होते हैं वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है। पहला कर्म सजीव होता है एवं दूसरा कर्म निर्जीव होता है।
जैसे : श्याम ने राधा को रूपये दिए। ऊपर दिए गए उदाहरण में देना क्रिया के दो कर्म है राधा एवं रूपये। अतः यह द्विकर्मक क्रिया के अंतर्गत आएगा।
4. समास की परिभाषा
समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं। यह नया शब्द ही समास कहलाता है।
5. हम जानते हैं की जब वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आएंगे। ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आपने देखा चौमासा आदि शब्दों का समास किया जा रहा है।
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