Science, asked by baraskardipendra, 9 months ago

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तने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है।
देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से,
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से।
जाति भेद की, धर्म-वेश की,
काले गोरे रंग-द्वेष की,
ज्वालाओं से जलते जग में,
इतने शीतल बहो कि जितना मलय पवन है।।​

Answers

Answered by navedkhan07
1

Answer:

I know hindi well sorry guy

Answered by pappusingh81577
0

Answer:

ye to ek poem hai . ise kya karna hai ' mai nahi samjha

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