इंद्रधनुष्य निबंध इन हिंदी
Answers
Answer:
भगवान इंद्र के धनुष को इंद्रधनुष कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान इंद्र को बारिश का देवता माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। सभी को बारिश बहुत ही प्रिय होती है । बारिश होने के पश्चात इंद्रधनुष आसमान में दिखाई देता है। यह आकार में बहुत ही बड़ा होता है और इसमें सात रंग बहुत ही सुंदर तरीके से सजे हुए होते हैं, जो बहुत ही आकर्षित होते हैं। इंद्रधनुष सब को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यह धरती के एक कोने से शुरू होकर आधे गोले के आकार में धरती के दूसरी तरफ जाता है और वहीं पर खत्म होता है।
यह तभी बनता है, जब आसमान में बारिश हो जाने के बाद नन्ही नन्ही बारिश की बूंदे रहती है और उन पर सूर्य की किरणें पड़ती है क्योंकि जो बारिश की बूंदे प्रिज़्म का काम करती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब सूरज की रोशनी एक पतली माध्यम से एक सघन माध्यम से होकर गुजरती है तो सफेद रोशनी में मौजूद सभी सात रंग अर्ध गोलाकार का निर्माण करते हैं, उसे ही इंद्रधनुष कहा जाता है।
इंद्रधनुष में सात रंग सजे होते हैं। जिसमें से होते हैं, बैंगनी, इंडिगो, नीला, हरा, पीला, नारंगी, और लाल। लोगों का मानना है कि जब बारिश के बाद इंद्रधनुष दिखाई देता है, तो उसके पश्चात बारिश नहीं होती है। कभी-कभी बारिश होने के पश्चात दो इंद्रधनुष भी दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब लाल रंग के कारण प्रकाश कम मुड पाता है, जिसकी वजह से दो इंद्रधनुष दिखाई देते हैं।