I. दिया गया गद्य पढ़कर पूछे गए प्रत्रो के उत्तर लिखिए।
एक नामी मास्टर अपने चेलों को लेकर एक जंगल में गया । उस जगह बहन जगाली ददर रहते
थे। वहां मास्टर ने एक मटकी की शेप का डिब्बा लिया। डिब्बे में बीच में एक लोटा छेद कर दिया
और उसमें मीठे चावल भर दिए। इसके बाद मास्टर ने डिव्वे को एक जजीर से बांध दिया। सद
जगह खड़े होकर इंतजार करने लगे । मीठे पुर्वल बंदरों को बहुत पलंद होते हैं। कुछ देर बाद वहा
बहुत बड़ा बंदर आया । उसे चावल की सुगंध आई। उसने अपना पंजा उस चेट से बंदर डाला और
चावल निकालने की कोशिश करने लगा। पंजा अब मुट्ठी बन गई थी और छेद छोटा होने के कारण
बाहर नहीं आ रहा था इतने में वहां एक जीता आगया। वह बदर का शिकार करने के लिए उस और
लगा। सभी चिल्लाने लगे कि वहां से भाग जाओ कंकड़-पत्थर भी फैले पर कोई कागदा नही
। बंदर भूखा भी था और वह मीठ नावल नहीं छोड़ना चाहता था । वह चाहल समेत सही निकालने
लगा रहा । आखिर में वह चीते का भोजन बन गया। गुर
गुन न यूठा किम जाल में फमकर चंद
मारा गया एक शिष्य ने कहा
डिब्बा
नहीं गुरु ने कहा
_. मास्टर अपने चलो को लेकर कहाँ गया ।
(b) पाठशाला
मास्टर ने दिल्ली में क्या भग
100 मीठा नावल
3. डिब्बी को किसम बांध दिया गया ।
यार
4. वन्दर के मौन का बजर ज्या या
।
वाम मीना वाचन
उक्ति गीत या
मीना गान
जान का दाना
(2) मंदिर
(। जंगल
(d) बगीन
|-काला
(D) सेव
(-) जंजीर से
(b) रगी
(C) लगी गे
O
H
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