CBSE BOARD X, asked by keerthiverma5974, 1 year ago

इंंधन बचत एक मोठे परीवर्तन निबंंध मराठी

Answers

Answered by ujjwalkharkwal11
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वयं वायुजलमृदाभिः आवृत्ते वातावरणे निवसामः। एतदेव वातावरणं पर्यावरण कथ्यते। पर्यावरणेनैव वयं जीवनोपयोगिवस्तुनि प्राप्नुमः। जलं वायुः च जीवने महत्वपूर्णो स्तः। साम्प्रतं शुद्ध - पेय - जलस्य समस्या वर्तते। अधुना वायुरपि शुद्धं नास्ति। एवमेव प्रदूषित-पर्यावरणेन विविधाः रोगाः जायन्ते। पर्यावरणस्य रक्षायाः अति आवश्यकता वर्तते। प्रदूषणस्य अनेकानि कारणानि सन्ति। औद्यौगिकापशिष्ट - पदार्थ - उच्च - ध्वनि - यानधूम्रादयः प्रमुखानि कारणानि सन्ति। पर्यावरणरक्षायै वृक्षाः रोपणीयाः। वयं नदीषु तडागेषु च दूषितं जलं न पतेम्। तैल रहित वाहनानां प्रयोगः करणीयः। जनाः तरुणां रोपणम् अभिरक्षणं च कुर्युः। 
Answered by deepak1463
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Explanation:

मस्तक झुका के प्रेम से ईश्वर तुम्हें प्रणाम है।

विश्वपति जगदीश...

सृष्टि बना के पालना दाता है तेरे हाथ में -२

करना प्रलय भी अन्त में तेरा ही नाथ काम है।

विश्वपति जगदीश...

आता नजर नहीं मगर कण कण में तू समा रहा -२

जग में जहां पे तू न हो ऐसा न कोई धाम है

विश्वपति जगदीश...

ऋतुएँ बदल के आ रहीँ नदीयाँ सिन्धु में जा रहीँ -२

शाम के बाद है सुबह सुबह के बाद शाम है

विश्वपति जगदीश...

सूरज समय पे ढल रहा वायु नियम से चल रहा -२

झुकता है सर ये देखकर तेरा जो इन्तज़ाम है

विश्वपति जगदीश...

होता है न्याय ही सदा ईश्वर तेरे दरबार में -२

चलती नहीँ सिफ़ारिशेँ चढ़ता न कोई दाम है

विश्वपति जगदीश...

तेरे पदार्थ हैं प्रभु पथिक सभी के वासते

सब के लिए हैं वेद भी जिनमें तेरा पैगाम है

विश्वपति जगदीश तुम तेरा ही ओम् नाम है

मस्तक झुका के प्रेम सेईश्वर तुम्हें प्रणाम है

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