इंधन का कैलोरी मान समझाइ
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ईंधन के ऊष्मीय मान को किलो जूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। Explanation: ईंधन वे पदार्थ हैं जो गर्मी और प्रकाश ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए जलते हैं।
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उत्तर - ईंधन का कैलोरी मान या ऊष्मीय मान (Calorific Value of Fuel)- किसी। ईंधन का सबसे महत्वपूर्ण गुण उसका कैलोरी मान होता है। विभिन्न ईंधनों की एक समान मात्राओं को जलाने से भिन्न-भिन्न ऊष्मा उत्पन्न होती है। जिस ईंधन से अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है उसका कैलोरी मान कम होता है। अतः "ईंधन की इकाई मात्रा अथवा आयतन के पूर्ण दहन के पश्चात् मुक्त हुई सम्पूर्ण ऊर्जा की मात्रा को उस पदार्थ का ऊष्मीय मान कहते हैं।"
सकल (सम्पूर्ण) अथवा उच्च कैलोरी मान (Gross or Higher Calorific Value)- प्रायः सभी ईंधनों में हाइड्रोजन पायी जाती है। जब ईंधन का कैलोरी मान प्रयोग द्वारा ज्ञात किया जाता है तब उसका मान अधिक आता है, क्योंकि ईंधन का दहन होने से जो जल बनता है वह जल-वाष्प में बदल जाता है। अतः उत्पन्न भाग को 15°C या 60°F पर संघनित करने पर भाप की गुप्त ऊष्मा भी जल-वाष्प को 15°C या 60° F तक ठण्डा करने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के साथ आ जाती है। इस प्रकार उत्पन्न ऊष्मा का मान सम्पूर्ण या उच्च कैलोरी मान कहलाता है। अतः "इकाई ईंधन के पूर्ण रूप से दहन होने से उत्पादित पदार्थ को 15°C या 60° F तक ठण्डा करने के पश्चात् उत्पन्न ऊष्मा को सम्पूर्ण कैलोरी मान कहते हैं।"
शुद्ध (नेट) अथवा निम्न कैलोरी मान (Net or Lower Calorific Value)- प्रायः यह देखा गया है कि पदार्थ को ठण्डा करने में उत्पन्न ऊष्मा को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इस प्रकार प्राप्त कैलोरी मान सम्पूर्ण कैलोरी मान से कुछ कम होता है तथा यह नेट कैलोरी मान कहलाता है। इकाई ईंधन के पूर्ण रूप से दहन होने के बाद उत्पन्न ऊष्मा को नेट कैलोरी मान कहते हैं। दहन द्वारा उत्पादित पदार्थ को सामान्य तापमान तक ठण्डा करने के बजाय वाष्पीकृत होने दिया जाता है।
अतः, उच्च कैलोरी मान = इकाई ईंधन द्वारा उत्पन्न ऊष्मा + भाप की गुप्त ऊष्णा x संघनित जल का भार
नेट कैलोरी मान, उच्च कैलोरी मान से भाप की गुप्त ऊष्मा को घटाकर प्राप्त कर लेते है।
अतः, नेट कैलोरी मान = उच्च कैलोरी मान - वाष्प को जल में संघनित करने में उत्पन्न ऊष्मा