Hindi, asked by asthabanga, 5 months ago

I. “ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होई।" पंक्ति
का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि मनुष्य की पहचान
कब श्रेष्ठ बनती है?
(2)​

Answers

Answered by paradiseregain54
2

Answer:

kabir

Explanation:

कबीर दास जी कहते हैं कि ऊँचे कुल में जन्म तो ले लिया लेकिन अगर कर्म ऊँचे नहीं है तो ये तो वही बात हुई जैसे सोने के लोटे में जहर भरा हो, इसकी चारों ओर निंदा ही होती है।

Answered by nivisingh2007
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Answer:

uche kul me jamiya je karni uch na hoi ka bhav hai unhe kul ka janma agr unhe karm nhi karta to weh ucha nhi khelata hai manushy ki pehchaan Shresth tab hoti hai jab whe ache karm kare

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