(इ) विश्वशांति की राह में समर्पित किस माहन व्यक्ति का साक्षात्कार आप लेना चाहेंगे?
साक्षात्कार में उनसे पूछे जाने वाले प्रशनों की एक सूची तैयार कीजिए|
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 3
Answers
प्रस्तुत प्रश्न आर. पी निशंक जी से लिखा गया हम भारत वासी नामक कविता से दिया गया हैं|इनकी रचानाओं का मुख्य उद्देश्य देश भक्ति हैं|कविता शैली विधि में पाठ पढ़कर छात्रों में रचना शक्ति का उद्दीपन कराना और उनमे देश भक्ति जगाना इस पाठ का मुख्य उद्देश हैं|निशंक जी आधुनिक साहित्यकारों में उपना विसिस्ट स्तन रखते थे |इनकी रचनाओं का मुख्य वस्तुदेशभक्तिहैं|समर्पण,नवांकुर,जीवनपथ,मातृभूमि केलिए आदि आपकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं|
सन १९५६ में दक्षिण भारत में जन्मे श्री श्री रवि शंकर (Sri sri ravi shankar) एक प्रतिभावान बालक थे। चार वर्ष की आयु से ही वे भगवद्गीता, जोकि एक प्राचीन संस्कृत में लिखा धर्मग्रन्थ है, उसका व्याख्यान कर लेते थे। उनके पहले गुरु श्री सुधाकर चतुर्वेदी थे, जिनका महात्मा गाँधी के साथ बहुत लम्बा सहयोग रहा था। उन्होंने वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान, दोनों में डिग्री प्राप्त की है। सन १९९७ में उन्होंने आई ए एच वी - मानवी मूल्यों की अंतर्राष्ट्रीय समिति - स्थापित की, आर्ट ऑफ़ लिविंग के साथ मिल कर चिरस्थायी विकास योजनाओं को समन्वित करने, मानवीय मूल्यों को विकसित करने और द्वंद्व समाधान करने के लिए| भारत, अफ्रीका, और दक्षिण अमेरिका के ग्रामीण समुदायों में में इन दोनों संस्थाओं के स्वयंसेवक संपोषणीय प्रगति की अगवाई कर रहे हैं, और ४०,२१२ गाँव तक पहुँच चुके हैं।
एक प्रसिद्द मानवतावादी मार्गदर्शक, श्री श्री रवि शंकर (Sri Sri ravi shankar) के कार्यक्रमों ने विभिन्न वर्ग के लोगों को सहायता प्रदान की है, जैसे की प्राकृतिक त्रासदी से प्रभावित लोग, आतंकी हमलों और युद्ध के उत्तरजीवी लोग, द्वंद्व से जूझते समुदायों और अधिकारहीन आबादी के बच्चे। उनके सन्देश की शक्ति ने आध्यात्म पर आधारित सेवा की एक बड़ी लहर को प्रेरित किया है एक विशाल स्वयंसेवी समुदाय में, जो इन कार्यक्रमों को विश्व के संकटमय स्थानों पर आगे ले जा रहे हैं।
एक अध्यात्मिक गुरु के रूप में श्री श्री रवि शंकर नें योग और ध्यान की परम्पराओं को फिर से जागृत किया है और इन्हें एक ऐसे रूप में प्रस्तावित किया है जो २१वीं शताब्दी में अत्यंत प्रासंगिक है। प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित करने के अलावा, श्री श्री रवि शंकर ने व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन की नयी तकनीकें बनायीं हैं। इनमें सुदर्शन क्रिया भी सम्मिलित है, जिसने सैंकड़ों लोगों को तनाव से मुक्ति पाने में और अपने भीतर ऊर्जा स्रोतों को खोजने में और नित्य प्रतिदिन के जीवन में शान्ति खोजने में अत्यंत सहायता प्रदान की है। केवल ३१वर्षों में इनके कार्यक्रमों और पहलकदमी ने १५२ देशों में ३७ करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।
Explanation:
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