i) वैदिक काल में संगीत के चार प्रकारों का उल्लेख है।
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वैदिक काल में संगीत के चार प्रकारों का उल्लेख है।
➲ असत्य
✎... ये कथन गलत है, कि वैदिक काल में संगीत के चार प्रकारो का उल्लेख है।
वैदिक काल में संगीत के दो प्रकार का उल्लेख मिलता है, मार्गी अथवा शास्त्रीय रूप तथा लौकिक अथवा देसी रूप।
मार्गी यानि शास्त्रीय संगीत धार्मिक समारोह आदि मे धार्मिक विधी-विधान से गाया-बजाया जाता था। शास्त्रीय संगीत नियमबद्ध और अनुशासनपूर्ण होता था। इस संगीत के गायक-संगीतकार विशिष्ट विद्वान होते हैं, जिन्हें दक्षता हासिल होती थी।
लौकिक अथवा देसी संगीत देसी समारोहों मे मनोरंजन का साधन होता था। ये संगीत लोकरुचि के अनुसार गाया बजाया जाता था। इस संगीत में मनोरंजन और रास-विलास का पुट अधिक होता था। ये संगीत अक्सर लोक गायकों द्वारा गाया जाता था, जिन्हे संगीत में बहुत अधिक पारंगत होना आवश्यक नही था।
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