i want a essay in hindi on topic aadhunik bharat ki pragati mein badha about 300 words
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स्वंतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत में बहुत प्रगति हुई है। मगर उसकी प्रगति की राह में अनेक बाधाएं हैं जिनको दूर करना आवश्यक है। भारत में विभिन्न जातियां, धर्म व संप्रदाय, और भाषायें हैं। प्रांतीयता, भाषावाद, संप्रदाय या जातिवाद के कारण अनेक सामाजिक कुरीतियाँ उत्पन्न हो गयी हैं। लोग अपने धर्म को ऊँचा रखने के लिए गोष्ठी आदि करते हैं। अनजाने में किसी एक संप्रदाय के अहं को ठेस पहुँचने पर विरोध की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इससे सामाजिक एकता खंडित होती है और दंगे फसाद, झगड़े चोरी आदि कुरीतियाँ फैलने लगती हैं।
इससे जीवन और संपत्ति की हानि होती है और देश को बहुत क्षति पहुँचती है। देश के विकास पर प्रभाव पड़ता है। समाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और वैज्ञानिक उन्नति के लिए सांप्रदायिक सद्भावना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए देश की शांति भंग करने वाले ऐसे हानिकर कट्टरवाद विचारों का निर्मूलन करना चाहिए।
भारत की जनसँख्या अनेक देशों से ज्यादा है और वह तेज़ी से बढ़ रही है। इसके कारण बेरोज़गारी का हल नहीं हो पा रहा है। रोज़गार न मिलने के कारण लोगों को आमदनी नहीं प्राप्त हो रही है जिससे उनके परिवार गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस प्रकार देश में गरीबी की समस्या हल नहीं हो पा रही है।
शिक्षा की सुविधायें उपलब्ध करवाने की बहुत कोशिशें करी जा रही हैं। फिर भी समाज का अधिक भाग अशिक्षित है। अशिक्षित होने के कारण अनेक लोग देश की प्रगति के लिए काम नहीं कर सकते। वे समाज की कुरीतियों और अंध विश्वासों को कम करने में मदद नहीं कर सकते।
इसलिए भारत की प्रगति में बढ़ती हुई जनसंख्या, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षित समाज और धार्मिक मतभेद बाधा बन गए हैं।Answer:
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