Hindi, asked by sanjulyarbunya, 1 year ago

i want a essay on guru ka mahatva in hindi

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Answered by bhagyashrikudatarkar
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पौराणिक काल से ही गुरु ज्ञान के प्रसार के साथ-साथ समाज के विकास का बीड़ा उठाते रहे हैं। गुरु शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है- ‘गु’ का अर्थ होता है अंधकार (अज्ञान) एवं ‘रु’ का अर्थ होता है प्रकाश (ज्ञान)। गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। हमारे जीवन के प्रथम गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। जो हमारा पालन-पोषण करते हैं, सांसारिक दुनिया में हमें प्रथम बार बोलना, चलना तथा शुरुवाती आवश्यकताओं को सिखाते हैं। अतः माता-पिता का स्थान सर्वोपरि है। भावी जीवन का निर्माण गुरू द्वारा ही होता है।

वास्तव में गुरु की महिमा का पूरा वर्णन कोई नहीं कर सकता। गुरु की महिमा तो भगवान् से भी कहीं अधिक है- 
गुरुब्रह्मा गुरुविर्ष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः।शास्त्रों में गुरु का महत्त्व बहुत ऊँचा है। गुरु की कृपा के बिना भगवान् की प्राप्ति असंभव है। गुरु के मन में सदैव ही यह विचार होता है कि उसका शिष्य सर्वश्रेष्ठ हो और उसके गुणों की सर्वसमाज में पूजा हो। जीवन में गुरू के महत्व का वर्णन कबीर दास जी ने अपने दोहों में पूरी आत्मीयता से किया है-गुरू गोविन्द दोऊ खड़े का के लागु पाँव,बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय।
आज के आधुनिक युग में भी गुरु की महत्ता में जरा भी कमी नहीं आयी है। एक बेहतर भविष्य के निर्माण हेतु आज भी गुरु का विशेष योगदान आवश्यक होता है। गुरु के प्रति श्रद्धा व समर्पण दर्शित करने हेतु 'गुरु पूर्णिमा' का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गुरु का पूजन करने से गुरु की दीक्षा का पूरा फल उनके शिष्यों को मिलता है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुओं का सम्मान किया जाता है। इस अवसर पर आश्रमों में पूजा-पाठ का विशेष आयोजन किया जाता है।
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