i want a essay on the topic-75 परभारत:आत्मनिर्भर भारत की और बढ़ता राष्ट्र in hindi language please help me i have no idea
Answers
Explanation:
India at 75: A Nation Marching towards Atmanirbhar Bharat
75 साल का भारत : आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ता देश।
Content / विषय सूची। संकेत बिंदु
प्रस्तावना
आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ता देश
भारत की अर्थव्यवस्था एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
अंतरिक्ष में लम्बी छलांग
संचार क्रांति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति
स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना
तकनीकी क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता
कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत
निर्माण क्षेत्र पर आत्मनिर्भर
उपसंहार
प्रस्तावना
15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत की नींव उखाड़कर भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी। हालाँकि इस आजादी के साथ-साथ देश को बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा। लेकिन अब भारत को आजाद हुए सात दशक बीत चुके हैं। इन बीते सात दशकों में भारत ने विकास के कई अहम पड़ाव पार कर लिए है।
India at 75: A Nation Marching towards Atmanirbhar Bharat
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने हर क्षेत्र में विकास के पथ पर अपने छोटे छोटे कदम बढ़ाने शुरू कर दिए।बीते कुछ वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में विदेशों पर अपनी निर्भरता को खत्म करने के उद्देश्य से भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। अब भारत हर रोज आत्मनिर्भर होने की तरफ छोटे-छोटे लेकिन मजबूत कदम बढ़ा रहा है।
आत्म-निर्भर भारत की ओर बढ़ता देश
भारत ने हालांकि इन 73 सालों में हर क्षेत्र में काफी विकास किया है। भारत ने बैलगाड़ी से लेकर चंद्रयान-2 तक का सफर अकेले अपने दम पर तय किया है। नए नए आविष्कारों , खोजों और तकनीकी विकास से भारत ने विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।आज विश्व समुदाय भारत की तरफ बढ़े उम्मीद व आशा भरी नजरों से देखता है।
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किसी भी दृष्टि से आत्मनिर्भरता मानव का सबसे बड़ा गुण होती है और उसके लिए सबसे बड़ा सहारा बनती है। व्यक्ति यदि आत्म निर्भर होगा तो उसे दूसरों की मदद की जरूरत कम से कम पड़ेगी और किसी भी संकट की घड़ी में वह उसका सामना अधिक मजबूती से कर सकेगा और दूसरों पर आश्रित नहीं रहेगा। व्यक्ति हो या देश आत्मनिर्भरता सबके लिए एक उत्तम गुण है।
हमारा देश संसाधनों की दृष्टि से एक समृद्ध देश है और हमारा देश इतना सक्षम भी है कि हर वस्तु का उत्पादन स्वयं कर सकता है। बस इसके लिए इच्छाशक्ति और कार्यकुशलता चाहिए। हमारे देश में कार्य कुशल लोगों की कमी नहीं है। आत्मनिर्भरता से तात्पर्य है कि हमारा देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, हर वस्तु सुई से लेकर हवाई जहाज तक हमारा देश स्वयं बना सके और हमें बाहरी देश पर निर्भर ना होना पड़े।
आत्मनिर्भरता के कई फायदे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। हर वस्तु अपने देश में ही बनाने के कारण उद्योगों को बढ़ावा मिलता है। अधिक से अधिक उद्योग लगते हैं, इसे रोजगार में वृद्धि होती है और बेरोजगारी दर कम होती है। देश का पैसा देश में ही रहने के कारण अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत होती जाती है। आयात की जगह निर्यात बढ़ता है, इससे विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ता है। कोई भी मानवीय आपदा, प्राकृतिक आपदा या किसी भी तरह की आपदा का कोई भरोसा नहीं होता और यदि आपदा की स्थिति में किसी भी तरह के खाद्यान्न या जरूरी वस्तुओं की मांग होने पर हमें आत्मनिर्भर होने की स्थिति में किसी बाहरी देश पर सामान की आपूर्ति के लिए आश्रित नहीं होना पड़ेगा।
कोरोनावायरस महामारी के संकट ने हमारे देश को एक अवसर दे दिया है कि हम जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनें, ताकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था अधिक से अधिक मजबूत हो और हम जीवन के किसी भी क्षेत्र में हमें किसी भी देश पर आश्रित ना रहे।
हमने ये सिद्ध भी किया है कि हम यदि ठान ले तो पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सकते हैं। जैसा कि अभी हम कोरोनावायरस के समय पीपीई किट और वेंटिलेटर आदि के उत्पादन में कर चुके हैं। हमारे देश में संभावनाओं की कमी नहीं है, बस उनका सही रूप से क्रियान्वन हो। कोरोना वायरस की महामारी से पहले हमारे देश में पीपीपी और वेंटिलेटर का उत्पादन बेहद कम होता था, लेकिन इस संकट के बाद हमने अपने घर में ही इन वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति लायक उत्पादन करना आरंभ कर दिया है। ये आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया हमारा पहला कदम है और एक सफल उदाहरण भी है।
किसी भी तरह की निर्भरता एक तरह की गुलामी ही है, क्योंकि हम जिस पर निर्भर होते है, उसके अनुसार कार्य करना होता है, उसकी शर्तों को मानना होता है। जो आत्मनिर्भर होता है, वो अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होता है और पूरी तरह स्वतंत्र होता है। हमारा देश भी यदि पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनेगा तब ही वो सही मायने में स्वतंत्र कहलायेगा।
हम यदि मन में ठान ले तो जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकते हैं, इसलिए हम अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलजुल कर जी जान से जुट जाएं।