I want a poem of mirabai in hindi
Answers
Answered by
5
बादल देख डरी हो, स्याम, मैं बादल देख डरी
श्याम मैं बादल देख डरी
काली-पीली घटा ऊमड़ी बरस्यो एक घरी
जित जाऊं तित पाणी पाणी हुई सब भोम हरी
जाके पिया परदेस बसत है भीजे बाहर खरी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर कीजो प्रीत खरी
श्याम मैं बादल देख डरी
I Hope It Helps You❤
श्याम मैं बादल देख डरी
काली-पीली घटा ऊमड़ी बरस्यो एक घरी
जित जाऊं तित पाणी पाणी हुई सब भोम हरी
जाके पिया परदेस बसत है भीजे बाहर खरी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर कीजो प्रीत खरी
श्याम मैं बादल देख डरी
I Hope It Helps You❤
Answered by
2
हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढायो चीर॥
भक्त कारण रूप नरहरि, धरयो आप शरीर।
हिरणकश्यपु मार दीन्हों, धरयो नाहिंन धीर॥
बूडते गजराज राखे, कियो बाहर नीर।
दासि ‘मीरा लाल गिरिधर, दु:ख जहाँ तहँ पीर॥
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढायो चीर॥
भक्त कारण रूप नरहरि, धरयो आप शरीर।
हिरणकश्यपु मार दीन्हों, धरयो नाहिंन धीर॥
बूडते गजराज राखे, कियो बाहर नीर।
दासि ‘मीरा लाल गिरिधर, दु:ख जहाँ तहँ पीर॥
Similar questions