Hindi, asked by muksam7ur6tarundushh, 1 year ago

I want a poem on nature in hindi.. fast

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Answered by sid46
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काँप उठी…..धरती माता की कोख !! (डी. के. निवातियाँ)कलयुग में अपराध काबढ़ा अब इतना प्रकोपआज फिर से काँप उठीदेखो धरती माता की कोख !!समय समय पर प्रकृतिदेती रही कोई न कोई चोटलालच में इतना अँधा हुआमानव को नही रहा कोई खौफ !!कही बाढ़, कही पर सूखाकभी महामारी का प्रकोपयदा कदा धरती हिलतीफिर भूकम्प से मरते बे मौत !!मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारेचढ़ गए भेट राजनितिक के लोभवन सम्पदा, नदी पहाड़, झरनेइनको मिटा रहा इंसान हर रोज !!सबको अपनी चाह लगी हैनहीं रहा प्रकृति का अब शौक“धर्म” करे जब बाते जनमानस कीदुनिया वालो को लगता है जोक !!कलयुग में अपराध काबढ़ा अब इतना प्रकोपआज फिर से काँप उठीदेखो धरती माता की कोख !!
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