I want a summary of any four stories in 250 words and in hindi
Hera aur moti
Mandir aur masjid
panch parmeshwar
Namak ka daroga
neki aur badi
abhushan
all stories are by Munshi premchand
Answers
Answered by
1
namak ka daroga
brainlist my answer plzzz
brainlist my answer plzzz
Attachments:
namith99:
thanks but the picture isnt clear
Answered by
1
Heera Aur Moti.......
झूरी के पास दो बैल थे हीरा और मोती दोनों में बहुत प्यार था वो दोनों नाद में एक साथ मुह डालते और एक साथ हटाते झूरी उनके चारे पानी का बड़ा ध्यान रखता था वो कभी भूलकर भी उनको कभी मरता पीटता नहीं था पशु भी प्यार का भूखा होता है वे भी झूरी को बहुत चाहते थे झूरी की पत्नी का भाई गया एक बार हीरा और मोती को कुछ दिन के लिए अपने गाँव ले जाने लगा बैलो को बड़ा आश्चर्य हुआ कि वो उन्हें क्यों और कहा लिए जाता है रस्ते में उन्होंने गया ने बहुत तंग किया इस पर गया ने उन्हें बहुत पीटा और घर पहुच कर उनके सामने रुखा सुखा भूसा डाल दिया लेकिन बैलो ने उसे सूंघा तक नहीं रात होने पर दोनों बैलो ने वहाँ से भाग जाने का फैसला किया , उन्होंने जोर लगाकर रस्सियाँ तोड़ डाली और वह से भाग निकले
सुबह होने पर जब झूरी ने उन्हें अपने स्थान पर खड़े देखा तो वह सब कुछ समझ गया और प्यार से उनपर हाथ फेरने लगा परन्तु झूरी की पत्नी उन्हें देख कर जल भुन गयी उसने उनके सामने रुखा-सुखा भूसा दाल दिया फिर भी वे खुश थे अगले दिन गया फिर आया इस बार वे उन्हें गाडी में जोतकर ले गया रस्ते में मोती ने चाहा कि गाडी को गड्ढे में धकेल दे पर हीरा समझदार था उसने गाडी संभाल ली जैसे तैसे गया घर पंहुचा और उनसे बड़ा सख्त काम लेना शुरू किया वे उन्हें दिनभर हल में जोतता और उन्हें खूब मरता पीटता और घर लाकर उनको मोटे मोटे रस्सो से बंधकर उनके सामने रूखा सूखा भूसा डाल देता वे लाचार निगाहों से एक दुसरे को देखते रहते थे
गया के घर एक छोटी सी लड़की रहती थी वह बैलो की दुर्दशा देखती तो उसे बुरा लगता वह रात को उनको चुपके से रोटी खिलाती दोनों बैल उसके प्यार के सामने अपना मान और अपमान भूल जाते
एक दिन मोती रस्सी को चबाकर तोड़ने की कोशिश कर रहा था वह लड़की आई और उसने दोनों बैलो को खोल दिया दोनों वहां से भाग निकले थोड़ी देर बाद जब गया को पता चला तो वह भी उनके पीछे दौड़ा पर उनको पकड़ न सका
अब हीरा और मोती आज़ाद थे रस्ते में उनको एक सांड मिला वो उनकी और लपका तो हीरा मोती के होश उड़ गए भागना बेकार था इसलिए दोनों ने साहस से काम लिया सांड ने आकर हीरे पर वार किया तो मोती ने उसे पीछे से सींघो से चोट की सांड घबराया वो किसी एक को तो बुरी तरह मार सकता था पर यहाँ तो दो थे मिलकर काम करने में बल है दोनों ने मिलकर सांड को भगा दिया मोती कुछ दूर उसके पीछे भी दौड़ा पर हीरा ने मोती को रोक दिया दोनों अब बड़े खुश थे और आगे चलकर उनको रस्ते मे एक मटर का खेत दिखाई दिया भूक तो लग ही रही थी हरी भरी मटर देखकर उनकी भूख और भी तेज हो गयी वे खेत में घुस गए और लगे मटर खान
अभी पेट भरा भी नहीं था की खेत के रखवालो ने उन्हें देख लिया और उन्हें पशुओ के कैदखाने में बंद कर दिया दोनों ने देखा की वहां तो और भी जानवर कैद हो रखे हैं भैंस, घोड़े, गधे, बकरियां, सबके सब कमजोर और दुबले पतले वहां किसी के लिए न चारा था और न पानी का इसपर हीरा मोती ने आपस में सोचा की अगर हम ज्यादा दिन यहाँ रहेंगे तो हमारा भी यही हाल होगा, अगर दीवार तोड़ दी जाए तो यहाँ से बाहर निकल जा सकता है
दोनों ने अपने सींघो से दीवार को दोड़ने की कोशिश की थोड़े से ही प्रयास से थोड़ी सी दीवार टूट गयी उसका उनका उत्साह बढा और उन्होने और दीवार दोड़ने की कोशिश की तो दीवार टूट गयी दीवार टूट जाने के बाद सबसे पहले तो घोड़े वह से भागे फिर भैंसे और फिर बकरियां मोती ने गधो को भी सींघ मार मार कर भगा दिया मोती ने हीरे से भी भागने के लिए कहा लेकिन हीरे ने मना कर दिया और मोती मन मार कर रह गया
सुबह सब वहाँ के मालिक ने देखा की सब जानवर भाग गए और हीरा मोती ही वह खड़े हैं तो उसने उनको बेचने के लिए बोली लगानी शुरू कर दी और सबसे ऊँची बोली लगाने वाले एक व्यापारी को बेच दिया वह दोनों को लेकर अपने गाँव की ओर चला
मार खाते खाते और भूक सहते सहते हीरा मोती बहुत कमजोर हो गए थे उनकी हड्डियाँ भी निकल आई थी प्यास से व्याकुल बैलों में कुछ भी दम बाकी नहीं रहा था वे चुपचाप व्यापारी के साथ चलने लगे रास्ता उन्हें जाना पहचाना लगा तो उनमें नजाने कहा से दम आ गया वे दोनों तेजी से भागे आगे-आगे दोनों बैल पीछे-पीछे व्यापारी पर जबतक वे उनको पकडे तब तक वे अपने घर झूरी के पास पहुँच चुके थे बैलो को देखकर झुरी बहुत खुश हुआ वह उनसे लिपट गया और इतने में व्यापारी भी वहाँ आ पंहुचा और उनको मांगने लगा
मोती ने आँख दिखाना शुरू किया और व्यापारी पर झपटा व्यापारी जान बचाकर वह से निकला झूरी की पत्नी भी भीतर से दौड़ी दौड़ी आई उसने दोनों बैलो के माथे चूम लिए
झूरी के पास दो बैल थे हीरा और मोती दोनों में बहुत प्यार था वो दोनों नाद में एक साथ मुह डालते और एक साथ हटाते झूरी उनके चारे पानी का बड़ा ध्यान रखता था वो कभी भूलकर भी उनको कभी मरता पीटता नहीं था पशु भी प्यार का भूखा होता है वे भी झूरी को बहुत चाहते थे झूरी की पत्नी का भाई गया एक बार हीरा और मोती को कुछ दिन के लिए अपने गाँव ले जाने लगा बैलो को बड़ा आश्चर्य हुआ कि वो उन्हें क्यों और कहा लिए जाता है रस्ते में उन्होंने गया ने बहुत तंग किया इस पर गया ने उन्हें बहुत पीटा और घर पहुच कर उनके सामने रुखा सुखा भूसा डाल दिया लेकिन बैलो ने उसे सूंघा तक नहीं रात होने पर दोनों बैलो ने वहाँ से भाग जाने का फैसला किया , उन्होंने जोर लगाकर रस्सियाँ तोड़ डाली और वह से भाग निकले
सुबह होने पर जब झूरी ने उन्हें अपने स्थान पर खड़े देखा तो वह सब कुछ समझ गया और प्यार से उनपर हाथ फेरने लगा परन्तु झूरी की पत्नी उन्हें देख कर जल भुन गयी उसने उनके सामने रुखा-सुखा भूसा दाल दिया फिर भी वे खुश थे अगले दिन गया फिर आया इस बार वे उन्हें गाडी में जोतकर ले गया रस्ते में मोती ने चाहा कि गाडी को गड्ढे में धकेल दे पर हीरा समझदार था उसने गाडी संभाल ली जैसे तैसे गया घर पंहुचा और उनसे बड़ा सख्त काम लेना शुरू किया वे उन्हें दिनभर हल में जोतता और उन्हें खूब मरता पीटता और घर लाकर उनको मोटे मोटे रस्सो से बंधकर उनके सामने रूखा सूखा भूसा डाल देता वे लाचार निगाहों से एक दुसरे को देखते रहते थे
गया के घर एक छोटी सी लड़की रहती थी वह बैलो की दुर्दशा देखती तो उसे बुरा लगता वह रात को उनको चुपके से रोटी खिलाती दोनों बैल उसके प्यार के सामने अपना मान और अपमान भूल जाते
एक दिन मोती रस्सी को चबाकर तोड़ने की कोशिश कर रहा था वह लड़की आई और उसने दोनों बैलो को खोल दिया दोनों वहां से भाग निकले थोड़ी देर बाद जब गया को पता चला तो वह भी उनके पीछे दौड़ा पर उनको पकड़ न सका
अब हीरा और मोती आज़ाद थे रस्ते में उनको एक सांड मिला वो उनकी और लपका तो हीरा मोती के होश उड़ गए भागना बेकार था इसलिए दोनों ने साहस से काम लिया सांड ने आकर हीरे पर वार किया तो मोती ने उसे पीछे से सींघो से चोट की सांड घबराया वो किसी एक को तो बुरी तरह मार सकता था पर यहाँ तो दो थे मिलकर काम करने में बल है दोनों ने मिलकर सांड को भगा दिया मोती कुछ दूर उसके पीछे भी दौड़ा पर हीरा ने मोती को रोक दिया दोनों अब बड़े खुश थे और आगे चलकर उनको रस्ते मे एक मटर का खेत दिखाई दिया भूक तो लग ही रही थी हरी भरी मटर देखकर उनकी भूख और भी तेज हो गयी वे खेत में घुस गए और लगे मटर खान
अभी पेट भरा भी नहीं था की खेत के रखवालो ने उन्हें देख लिया और उन्हें पशुओ के कैदखाने में बंद कर दिया दोनों ने देखा की वहां तो और भी जानवर कैद हो रखे हैं भैंस, घोड़े, गधे, बकरियां, सबके सब कमजोर और दुबले पतले वहां किसी के लिए न चारा था और न पानी का इसपर हीरा मोती ने आपस में सोचा की अगर हम ज्यादा दिन यहाँ रहेंगे तो हमारा भी यही हाल होगा, अगर दीवार तोड़ दी जाए तो यहाँ से बाहर निकल जा सकता है
दोनों ने अपने सींघो से दीवार को दोड़ने की कोशिश की थोड़े से ही प्रयास से थोड़ी सी दीवार टूट गयी उसका उनका उत्साह बढा और उन्होने और दीवार दोड़ने की कोशिश की तो दीवार टूट गयी दीवार टूट जाने के बाद सबसे पहले तो घोड़े वह से भागे फिर भैंसे और फिर बकरियां मोती ने गधो को भी सींघ मार मार कर भगा दिया मोती ने हीरे से भी भागने के लिए कहा लेकिन हीरे ने मना कर दिया और मोती मन मार कर रह गया
सुबह सब वहाँ के मालिक ने देखा की सब जानवर भाग गए और हीरा मोती ही वह खड़े हैं तो उसने उनको बेचने के लिए बोली लगानी शुरू कर दी और सबसे ऊँची बोली लगाने वाले एक व्यापारी को बेच दिया वह दोनों को लेकर अपने गाँव की ओर चला
मार खाते खाते और भूक सहते सहते हीरा मोती बहुत कमजोर हो गए थे उनकी हड्डियाँ भी निकल आई थी प्यास से व्याकुल बैलों में कुछ भी दम बाकी नहीं रहा था वे चुपचाप व्यापारी के साथ चलने लगे रास्ता उन्हें जाना पहचाना लगा तो उनमें नजाने कहा से दम आ गया वे दोनों तेजी से भागे आगे-आगे दोनों बैल पीछे-पीछे व्यापारी पर जबतक वे उनको पकडे तब तक वे अपने घर झूरी के पास पहुँच चुके थे बैलो को देखकर झुरी बहुत खुश हुआ वह उनसे लिपट गया और इतने में व्यापारी भी वहाँ आ पंहुचा और उनको मांगने लगा
मोती ने आँख दिखाना शुरू किया और व्यापारी पर झपटा व्यापारी जान बचाकर वह से निकला झूरी की पत्नी भी भीतर से दौड़ी दौड़ी आई उसने दोनों बैलो के माथे चूम लिए
Similar questions