Hindi, asked by ojitoinams5592, 1 year ago

i want an essay in hindi on"shiksha mein khel kood ka mahatva

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Answered by anissankarv
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शिक्षा का अभिप्राय केवल पुस्तकों का ज्ञान अर्जित करना ही नहीं, अपितु शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के मानसिक विकास के साथ-साथ उसके शारीरिक विकास की ओर भी ध्यान देना है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेल-कूद का महत्व किसी से कम नहीं। यदि शिक्षा से बुद्धि का विकास होता है तो खेलों से शरीर का । ईश्वर ने मनुष्य को शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक-तीन शक्तियाँ प्रदान की हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए इन तीनों का संतुलित रूप से विकास होना आवश्यक है।शिक्षा तथा खेल एक-दूसरे के पूरक हैं। एक के बिना दूसरा अपंग है। शिक्षा यदि परिश्रम लगन, संयम, धैर्य तथा भाईचारे का उपदेश देती है तो खेल के मैदान में विद्यार्थी इन गुणों को वास्तविक रूप में अपनाता है। जैसे कहा भी गया है- ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’ –

यदि व्यक्ति का शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो संसार के सभी सुख तथा भोग-विलास बेकार हैं। एक स्वस्थ शरीर ही सभी सुखों का भोग कर सकता है। रोगी व्यक्ति सदा उदास तथा अशांत रहता है। उसे कोई भी कार्य करने में आनंद प्राप्त नहीं होता है। स्वस्थ व्यक्ति सभी कार्य प्रसन्नचित होकर करता है। इस प्रकार स्वस्थ शरीर एक नियामत है। |

खेलना बच्चों के स्वभाव में होता है। आज की शिक्षा-प्रणाली में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चों की पुस्तकों की अपेक्षा खेलों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करवाई जाएँ। आज शिक्षा-विदों ने खेलों को शिक्षा का विषय बना दिया है, ताकि विद्यार्थी खेल-खेल में ही जीवन के सभी मूल्यों को सीख जाएं और अपने जीवन में अपनाएँ।

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