i want an essay in hindi on the topic "anekta mein ekta " . is it available ?
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अनेकता मे एकता : भारत के विशेष सन्दर्भ मे
हमारा भारत देश धर्म और दर्शन के देश के रूप मे जाना जाता है । यहाँ अनेको धर्म को मानने वाले सदियों से एक साथ रह रहे हैं । हमारा देश विविधतावो से भरा हुआ है । यह विविधता कई स्तरों पर देखी जा सकती है । भाषा ,धर्म.जाती ,खान-पान ,रहन-सहन ,रीति-रिवाज और ऐसी ही न जाने कितनी विविधता है इस देश मे। भौगलिक ,सामाजिक ,आर्थिक .धार्मिक ,सांस्कृतिक और निःसंदेह वैचारिक विविधता ही इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है । इन तमाम विविधतावो के बीच जो एक सूत्र हमे एक बनता है ,वह है एक भारत देश के रूप मे हमारी साकार कल्पना .एक भारतीय के रूप मे ही हमारी सही पहचान हो सकती है । यह भारत देश अपने आप मे एक विश्व है ,क्योंकि विश्व मे निहित सभी विविधतायें कुछ अपवादों को छोड़कर भारत मे मिल जाती हैं । हमारे यहाँ धरती का स्वर्ग कश्मीर है तो रेतीला राजस्थान भी है । सुजलाम -सुफलाम वाली बंगाल की धरती है तो सूखा कच्छ भी है । नैनीताल -शिमला -हिमांचल और आसाम के ठंडे क्षेत्र हैं तो केरल और भुवनेश्वर जैसे गर्म स्थान भी । मैदानी,पठारी ,पहाडी और समुद्री किनारों से लगा हुआ यह देश पूरी दुनिया मे अनूठा है । इस देश की तुलना मे भौगोलिक दृष्टी से कोई दूसरा देश इस पूरी पृथ्वी पर तो नही है .प्रकृति ने भारत को इस धारा पे सब से अधिक संपन्न बनाया है । शायद यही वजह रही होगी जो "हड़प्पा -मोहन्जोदडो " की प्राचीनतम संस्कृति इस देश मे ही पाई गई ,दुनिया का प्राचीनतम ग्रन्थ "ऋग्वेद " इसी धरती पर लिखा गया । भाषा विज्ञानिक दृष्टि से सबसे समृद्ध संस्कृत भाषा इसी धरती पर अस्तित्व मे आई । इस देश की संस्कृति ही थी जो "वसुधैव कुटुम्बकम " की बात सबसे पहले करती है । यह देश रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य एक साथ देता है । मनुष्य के रूप मे पैदा है लोंगो को मनुष्यता का अर्थ बताता है । भौतिकता की तुलना मे आध्यात्म का महत्त्व प्रतिपादित करता है । जब पूरी दुनिया अंको के गणित मे उलझी हुई थी तब यह देश शून्य की खोज करता है और सारी दुनिया के गणित को सही दिशा देता है । युद्ध करके अधिकारों की लडाई लड़ने की परम्परा मे एक गाँधी इसी देश से अहिंसा की बात करता है ,सत्याग्रह करता है और बिना किसी हथियार के इस देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करता है । यह भारत देश ही है जहा औरतो को सदियों से बराबरी का अधिकार दिया गया । यहाँ देवी को आदिशक्ति कहा गया । यह देश भारत ही है जहा ३६ करोड़ देवी देवता आज भी पूजे जाते है । इस देश की मिट्टी मे दुनिया के राजतिलक की शक्ति है । यह अनायास नही है की पूरी दुनिया मंदी की चपेट मे है और हमारे नैनो मे "नैनो कार " का सपना साकार हो रहा है ."२१वी सदी भारत की सदी है । " दुनिया भर के विद्वान यह बात हवा मे नही कर रहे हैं । यह देश सारे जहा से अच्छा था ,है और रहे गा । इस देश की जड़े बहुत गहरी हैं ,हमे मिटाने की सोचने वाला ख़ुद ही मिट जाऐगा । आज हमारे पड़ोसी देश की जो हालत है ,उससे यह बात आसानी से समझी जा सकती है । सच कहा है किसी ने जो दूसरो के लिये खड्डा खोदता है वह उसमे ख़ुद ही गिरता है ।"अनेकता मे एकता एक सूत्र है जो समाज के विभिन्न समूहों मे रहने वाले लोगो तथा भौतिक व् मानसिक रूप से विभिन्न होते हुवे एक होने के ज्ञान को देने वाले तत्वज्ञान के मध्य सहयोग का निर्माण करता है । " सच कहें तो यह सूत्र पूरी दुनिया को इसी भारत देश से मिला है ।
हमारा भारत देश धर्म और दर्शन के देश के रूप मे जाना जाता है । यहाँ अनेको धर्म को मानने वाले सदियों से एक साथ रह रहे हैं । हमारा देश विविधतावो से भरा हुआ है । यह विविधता कई स्तरों पर देखी जा सकती है । भाषा ,धर्म.जाती ,खान-पान ,रहन-सहन ,रीति-रिवाज और ऐसी ही न जाने कितनी विविधता है इस देश मे। भौगलिक ,सामाजिक ,आर्थिक .धार्मिक ,सांस्कृतिक और निःसंदेह वैचारिक विविधता ही इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है । इन तमाम विविधतावो के बीच जो एक सूत्र हमे एक बनता है ,वह है एक भारत देश के रूप मे हमारी साकार कल्पना .एक भारतीय के रूप मे ही हमारी सही पहचान हो सकती है । यह भारत देश अपने आप मे एक विश्व है ,क्योंकि विश्व मे निहित सभी विविधतायें कुछ अपवादों को छोड़कर भारत मे मिल जाती हैं । हमारे यहाँ धरती का स्वर्ग कश्मीर है तो रेतीला राजस्थान भी है । सुजलाम -सुफलाम वाली बंगाल की धरती है तो सूखा कच्छ भी है । नैनीताल -शिमला -हिमांचल और आसाम के ठंडे क्षेत्र हैं तो केरल और भुवनेश्वर जैसे गर्म स्थान भी । मैदानी,पठारी ,पहाडी और समुद्री किनारों से लगा हुआ यह देश पूरी दुनिया मे अनूठा है । इस देश की तुलना मे भौगोलिक दृष्टी से कोई दूसरा देश इस पूरी पृथ्वी पर तो नही है .प्रकृति ने भारत को इस धारा पे सब से अधिक संपन्न बनाया है । शायद यही वजह रही होगी जो "हड़प्पा -मोहन्जोदडो " की प्राचीनतम संस्कृति इस देश मे ही पाई गई ,दुनिया का प्राचीनतम ग्रन्थ "ऋग्वेद " इसी धरती पर लिखा गया । भाषा विज्ञानिक दृष्टि से सबसे समृद्ध संस्कृत भाषा इसी धरती पर अस्तित्व मे आई । इस देश की संस्कृति ही थी जो "वसुधैव कुटुम्बकम " की बात सबसे पहले करती है । यह देश रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य एक साथ देता है । मनुष्य के रूप मे पैदा है लोंगो को मनुष्यता का अर्थ बताता है । भौतिकता की तुलना मे आध्यात्म का महत्त्व प्रतिपादित करता है । जब पूरी दुनिया अंको के गणित मे उलझी हुई थी तब यह देश शून्य की खोज करता है और सारी दुनिया के गणित को सही दिशा देता है । युद्ध करके अधिकारों की लडाई लड़ने की परम्परा मे एक गाँधी इसी देश से अहिंसा की बात करता है ,सत्याग्रह करता है और बिना किसी हथियार के इस देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करता है । यह भारत देश ही है जहा औरतो को सदियों से बराबरी का अधिकार दिया गया । यहाँ देवी को आदिशक्ति कहा गया । यह देश भारत ही है जहा ३६ करोड़ देवी देवता आज भी पूजे जाते है । इस देश की मिट्टी मे दुनिया के राजतिलक की शक्ति है । यह अनायास नही है की पूरी दुनिया मंदी की चपेट मे है और हमारे नैनो मे "नैनो कार " का सपना साकार हो रहा है ."२१वी सदी भारत की सदी है । " दुनिया भर के विद्वान यह बात हवा मे नही कर रहे हैं । यह देश सारे जहा से अच्छा था ,है और रहे गा । इस देश की जड़े बहुत गहरी हैं ,हमे मिटाने की सोचने वाला ख़ुद ही मिट जाऐगा । आज हमारे पड़ोसी देश की जो हालत है ,उससे यह बात आसानी से समझी जा सकती है । सच कहा है किसी ने जो दूसरो के लिये खड्डा खोदता है वह उसमे ख़ुद ही गिरता है ।"अनेकता मे एकता एक सूत्र है जो समाज के विभिन्न समूहों मे रहने वाले लोगो तथा भौतिक व् मानसिक रूप से विभिन्न होते हुवे एक होने के ज्ञान को देने वाले तत्वज्ञान के मध्य सहयोग का निर्माण करता है । " सच कहें तो यह सूत्र पूरी दुनिया को इसी भारत देश से मिला है ।
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I hereby adore the above answer
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