Hindi, asked by Ashish5621, 1 year ago

i want an essay on CHILDREN'S DAY in HINDI....its urgent

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Answered by DhruvSharma009
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It's your urgent and I will help you
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But If you Satisfied with my answer so please choose my answer as brilliant answer.please
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बच्चे बाल दिवस की तैयारियों में हफ्तों से जुटे होते हैं । वे नाटक खेलने तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियाँ करते हैं । स्कूलों में इसके लिए बच्चों से अभ्यास कराया जाता है । वे स्कूल को सजाते हैं क्योंकि स्कूल उनके लिए विद्‌या का मंदिर होता है । वे मंच तैयार करते हैं तथा झंडियाँ लगाते हैं । वे बाल मेले के आयोजन की तैयारी करते हैं । उनके अंदर उत्साह देखते ही बनता है ।

बाल दिवस बच्चों के लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर आता है । बच्चे सुबह-सुबह ही स्कूल पहुँच जाते हैं । वहाँ से वे पंक्तिबद्ध होकर गली-मोहल्लों और सड़कों पर नारे लगाते निकलते हैं । वे समाज को बच्चों के अधिकारों के प्रति सचेत करते हैं । वे लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाते हैं । उनके समवेत स्वर से बाल श्रम के विरुद्ध संघर्ष की झलक सुनाई देती है ।

नारे लग गए, अब पेट पूजा जरूरी है । इसके लिए स्कूल में अच्छा-खासा प्रबंध है । बच्चों के लिए टॉफियाँ, मिठाइयाँ, बिस्कुट एवं फल हैं । उधर बाल मेला भी है जिसमें बच्चों द्वारा बनाए गए तरह-तरह के पकवान बिक रहे हैं । पुस्तकों के लिए अलग से स्टॉल हैं । यहाँ ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी पुस्तकें बिक रही हैं । बच्चे विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में संलग्न हैं । वे शिक्षकों के निर्देशों का स्वयंसेवक की तरह पालन कर रहे हैं । आज अनुशासन की बाध्यता नहीं है, फिर भी पूरा अनुशासन है । बच्चों को याद है कि हर क्षेत्र में अनुशासन के पालन से देश महान बनता है ।

बच्चों को पर्यावरण की बहुत फिक्र है । वे अपने ज्ञान को केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रखना चाहते, इसलिए वे पेड़ लगा रहे हैं । कोई फावड़ा चला रहा है तो कोई पौधों को सींच रहा है । लगाए गए पौधों की बाड़बंदी हो रही है ताकि पशु उन्हें नष्ट न कर सकें । कुछ बच्चे स्कूल तथा उसके आस-पास के क्षेत्र की सफाई में उत्साहित होकर जुटे हुए हैं ।

संध्याकाल में बाल दिवस के अवसर पर विद्‌यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं । इसके लिए मंच सजा होता है । इस अवसर पर किसी विशिष्ट अतिथि को आमंत्रित किया जाता है । वे नियत समय पर आते हैं । माल्यार्पण के द्वारा छात्र उनका स्वागत करते हैं । प्रधानाचार्य उन्हें उचित आसन पर बिठाते हैं । सरस्वती वंदना से कार्यक्रम आरंभ होता है । फिर सामूहिक नृत्य, एकल नृत्य, प्रहसन, नाटिका, गायन, कविता पाठ आदि तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं । इससे प्रतिभागी बच्चों में धैर्य साहस नेतृत्व जैसे गुण विकसित होते हैं । दर्शक तालियाँ बजाकर बच्चों का उत्साह बढ़ाते हैं । अभिभावक अपने बच्चों को कार्यक्रम में भाग लेता देख फूले नहीं समाते । कार्यक्रम की समाप्ति पर अतिथि महोदय और प्रधानाचार्य का उद्‌बोधन होता है । बच्चों को उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया जाता है ।

इस तरह बाल दिवस विभिन्न प्रकार की हलचलों से परिपूर्ण होता है । इस दिन बच्चे अपने प्यारे चाचा नेहरू को श्रद्‌धा सुमन अर्पित करते हैं । पं. नेहरू की समाधि ‘शांतिवन’ पर जाकर नेतागण और बच्चे उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं । वे नेहरू जी के आदर्शों का स्मरण करते हैं । सरकार नेहरू जी के सपनों का भारत बनाने के लिए संकल्प व्यक्त करती है । यह राष्ट्रीय पर्व हमें देश के नौनिहालों के लिए सार्थक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है ।

Answered by Anonymous
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\huge\bf{Answer:-}

शुभ प्रभात। यह नवंबर के मध्य में फिर से है

हमारे लिए एक बहुत ही खास अवसर। 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम भारतीय आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन मनाते हैं। बच्चों के लिए उनका शौक और उनके साथ गहरी बॉन्डिंग पौराणिक है। स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में, घरों में, और परिवारों में बच्चों को मनाना हमारे राष्ट्र के लिए चाचा नेहरू और उनके दृष्टिकोण का सम्मान करने का एक तरीका है, जो हमारे युवाओं के कंधों पर दृढ़ता से टिका हुआ है। यह हमारे देश के बच्चों के उत्साह और आकांक्षाओं के माध्यम से है, हम भारतीय समाज के गौरव को प्राप्त करने का प्रबंधन कर सकते हैं।

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