Hindi, asked by Mkstyle1986, 1 year ago

I want an essay on subah ka drish in Hindi language

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Answered by ishika2004
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वैसे तो मैं प्रतिदिन ही सुबह जल्दी उठता हूँ परन्तु स्कूल जाना होता है तो प्राकृतिक सौंदर्य देखने का अवसर नहीं मिलता। हमारा घर अक्षरधाम मन्दिर के पास एक एक बहुमंजिली ईमारत के पन्द्रहवें तल पर है । अत: बालकनी से यमुना नदी का दूर-दूर तक का बड़ा मनोहारी दृश्य दिखाई पड़ता है । एक रविवार को जब मैं सोकर उठा, बड़ी सुहावना सुबह हो रही थी । हल्की-हल्की ठंडी हवा चल रही थी । मैं मुंह धो कर बालकनी में चला गया । पूर्व दिशा से सूरज ने निकलना शुरू ही किया था । मैं पूर्व दिशा की ओर देखने लगा । आसमान धीरे-धीरे लाल होता जा रहा था और उगते हुए सूर्य के दृश्य को देख मैं पुलकित हो रहा था । लम्बे-लम्बे हरे पेडों से छनती हुई प्रात: कालीन सूर्य की किरणें बडा मनोहारी दृश्य प्रस्तुत कर रही थी । थोड़ी ही देर में चिडियों की चहचहाट सुनाई देने लगी और आसमान में चिड़ियों के कई झुंड उड़ते दिखाई दिए । पेडों के पीछे सूरज की लुका-छिपी बड़ी सुन्दर लग रही थी । पूर्व में सूर्य के कुछ ऊपर निकल आने पर मुझे यमुना का ध्यान आया और मैं नदी की और देखने लगा । नदी के किनारे के वृक्षों पर पीछे से सूरज की किरणें पड़ रही थीं और उनकी लम्बी धुँधली छाया सामने दिखाई पड़ रही थी । यह मनोहारी दृश्य लम्बे समय के लिए मेरे मानस पटल पर अंकित हो गया।

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