I want an essay on युवा और नशे
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युवा और नशे
आधुनिक युग में युवा पीढ़ी नशीले पदार्थों का अधिक सेवन करने लगी है I बदलते समय ने युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेल दिया है I शराब, बीड़ी ,सिगरेट, गुटखा आदि सेवन करना युवा पीढ़ी का जैसे नियम बन गया है I आज की युवा पीढ़ी तो इतनी आगे बढ़ गई है वह पब, डिस्को तो दूर घर में ही माता पिता के सामने नशा करने लगते हैं I
स्टेटस सिंबल
युवतियों में भी ड्रग्स स्टेटस सिंबल बन जाने से इस बुराई की समाप्ति और भी मुश्किल होती जा रही है | युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है | स्कूल कालेज भी नशे से अछूते नहीं रहे | कई युवा तो शौक शौक में नशे की शुरुआत करते हैं फिर उनको नशे की ऐसे लत लग जाती है I आज के युवा ड्रग्स, मदिरा का सेवन बहुत अधिक मात्रा में कर रहे हैं जिसका प्रभाव न सिर्फ उनकी जिंदगी बल्कि उनके परिवार वालो की जिंदगी पर भी पड़ रहा हैं I
समाज पर बोझ
नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ समाज पर बोझ बन जाता है। युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा नशे की लत से पीड़ित है। सरकार इन पीड़ितों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान चलाती है, शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है। नशे के रूप में लोग शराब, गाँजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जो स्वास्थ्य के साथ सामाजिक और आर्थिक दोनों लिहाज से ठीक नहीं है।
जन और धन की हानि
ध्रूमपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं, वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है। तम्बाकू के सेवन से तपेदकि, निमोनिया और साँस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है।
इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है।