i want an poem on water in hindi
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उसको बचा के रखिये
बर्बाद मत कीजिये इसे
जीने का सलीका सीखिए
पानी को तरसते हैं
धरती पे काफी लोग यहाँ
पानी ही तो दौलत है
पानी सा धन भला कहां
पानी की है मात्रा सीमित
पीने का पानी और सीमित
तो पानी को बचाइए
इसी में है समृधी निहित
शेविंग या कार की धुलाई
या जब करते हो स्नान
पानी की जरूर बचत करें
पानी से है धरती महान
जल ही तो जीवन है
पानी है गुनों की खान
पानी ही तो सब कुछ है
पानी है धरती की शान
पर्यावरण को न बचाया गया
तो वो दिन जल्दी ही आएगा
जब धरती पे हर इंसान
बस ‘पानी पानी’ चिल्लाएगा
रुपये पैसे धन दौलत
कुछ भी काम न आएगा
यदि इंसान इसी तरह
धरती को नोच के खाएगा
आने वाली पुश्तों का
कुछ तो हम करें ख़्याल
पानी के बगैर भविष्य
भला कैसे होगा खुशहाल
बच्चे, बूढे और जवाn
पानी बचाएँ बने महान
अब तो जाग जाओ इंसा
पानी में बसते हैं प्राd
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जल ही जीवन जीव जगत का,
बच्चों पक्का मानो।
जल की महिमा बड़ी निराली,
इसको तुम पहचानो।।
रोज सबेरे मंजन करते,
इसके बाद नहाते।
जल से ही खाना बनता है,
सुबह-शाम जो खाते।।
प्यास लगे तो जल पीते हैं,
जल से प्यास बुझाते।
कोक फोक कितना भी पी लो,
प्यास बुझा न पाते।।
जल से अपने मैले कपड़े,
रगड़-रगड़ हम धोते।
जल पीकर के घोड़े,
खच्चर, बोझ हमारा ढोते।।
वर्षा जल से खेती होती,
पेड़ हरे हो जाते।
मानव के संग जीव-जन्तु भी,
नई जिन्दगी पाते।।
बच्चों पक्का मानो।
जल की महिमा बड़ी निराली,
इसको तुम पहचानो।।
रोज सबेरे मंजन करते,
इसके बाद नहाते।
जल से ही खाना बनता है,
सुबह-शाम जो खाते।।
प्यास लगे तो जल पीते हैं,
जल से प्यास बुझाते।
कोक फोक कितना भी पी लो,
प्यास बुझा न पाते।।
जल से अपने मैले कपड़े,
रगड़-रगड़ हम धोते।
जल पीकर के घोड़े,
खच्चर, बोझ हमारा ढोते।।
वर्षा जल से खेती होती,
पेड़ हरे हो जाते।
मानव के संग जीव-जन्तु भी,
नई जिन्दगी पाते।।
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