I want best essay on agar bachpan laut aaye to
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देखते ही देखते बचपन कब कहां चला गया हमें पता ही नहीं चला। अब तो हर बच्चे में अपना बचपन दिखता है। बचपन में छूप-छपकर चाकलेट खाना,मां के मना करने पर भी आइसक्रीम खाना।
मां का कान पकड़कर मारना सब तब बुरा लगता था मगर वर्तमान में वही बचपन फिर से जीने का मन करता है। काश वह बचपन फिर लौट आता।
Answer:
काश बदल सकते हम जिंदगी के कुछ साल.
काश जी सकते हम, जिंदगी फिर एक बार...!!
यदि मेरा बचपन लौट आए, तो मै अपनी दादी माँ से जी भरकर परियों की कहानियाँ सुनु. दोस्तों ले साथ जमकर दिनभर लुका-छिपी का खेल खेलु । अपना जन्मदिन बार-बार मनाने का पिताजी से हठ करूँ।
बचपन लौट आए तो निश्चिंतता व् मस्ती भरे वे सुनहरे दिन भी लौट आए। कृष्ण कन्हैया की तरह अपने बाल-सखाओ के साथे मै खेल-कूद में मस्त रहु। पेड़ो पर चढ़कर आम व् जामुन के फल तोडू। कपडे खराब होने की परवाह न करू और धूल-मिट्टी में खेलने से कभी न हिचकू। फिर से नन्हा बालक बन जाऊं, तो सर पर पढ़ाई-लिखाई का कोई भी स्थान न रहे। गणित और विज्ञान में कितनी माथा पच्ची करनी पड़ती है। फिर तो उनसे तो छुट्टी ही मिल जाए।
पिताजी मुझे मनपसंद खिलौने दिलाए. माँ मुझे मीठी-मीठी लोरिया सुनाए. दीदी मुझे चॉकलेट और बिस्कुट दे. अहो ! कितना मजा आए, यदि बचपन लौट आए तो....? बचपन जीवन का स्वर्णकाल है. एक बार गया हुआ बचपन फिर कभी वापस नहीं लौट सकता। फिर भी बचपन के लौट आने की कल्पना कितनी मनोहर है । वास्तव में अगर मेरा बचपन लौट आए तो मैं और भी कुछ अच्छा करना चाहूंगा।
इसलिए कहा गया है की,
ये दौलत भी ले लो
ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी!!!