i want essay in hindi language on man ek bartan nahi jise bhara jana hai balki ek juwala hai jise prajualit kiya jana hai
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मन एक खाली बर्तन नहीं जिसे भरा जाना है, बल्कि एक जवाला है जिसे प्रज्वलित किया जाना है। इस कथन का तातपर्य है कि मनुष्य का मन खाली बर्तन के समान निशक्त ,असक्षम और शून्य नहीं है अपितु मन तो अग्नि के जैसा उर्जावान ,शक्तिशाली ,सक्षम और सक्रिय होता है। मन विचारो का जनक होता है ।प्रेरणादायक सुविचारों से मनुष्य किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है। हताश होकर , भाग्य को दोष देकर , प्रयास न करने से , कभी सफलता पाई न सकती। सफल होने के लिए मन की ज्वाला को प्रज्वलित करना होता है। मन में ऊर्जा और स्फूर्ति भर कर ही आगे जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। अंदर के डर को निकालकर मन में आत्मविश्वास जगाना होगा तभी समाज सुमार्ग पर चलकर विकसित होगा। मन से कुविचार को त्याग कर और सदाचार अपना कर ही सामाजिक कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर ,परोपकार को महत्त्व देना ही ,महापुरुष बनना है। मन में अच्छे विचारो की ज्वाला पैदा कर ,दुनिया को उसके प्रकाश से रोशन करना ही सच्चा मानव धर्म है। इसलिए कहा जाता है कि मन एक खाली बर्तन नहीं जिसे भरा जाना है, बल्कि एक जवाला है जिसे प्रज्वलित किया जाना है।
jkn:
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