I want essay on swatantrata sabko payari hai in hindi
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Here is your ★★ OSM ★★ answer - -
● ● ● 【 स्वतंत्रता सबको प्यारी होती है । 】 ● ● ●
प्रिय मित्र आपका प्रश्न है कि ■ स्वतंत्रता सबको प्यारी होती है ■ इस विषय पर एक निबंध ।
मित्र यह विषय की स्वतंत्रता सबको प्यारी होती है। किसी निबंध यह किसी विद्या अध्ययन का कोई विषय के लिए उपयुक्त ही नहीं बहुत अच्छा भी और हम सब को इस विषय पर निबंध लिखने की भी आवश्यकता है , परंतु एक तरफ हम यह कह भी सकते हैं कि स्वतंत्रता पर निबंध या स्वतंत्रता की प्राप्ति पर निबंध यह स्वतंत्रता सबको पसंद होती है सबको प्यारी होती है पर निबंध कोई निबंध लिखने का विषय नहीं है । यह तो हमारे अंदर की भावना और अंतर्मन से आने वाली प्रेरणा है । इस विषय पर पर हम आपको कुछ विचार दे रहे हैं उस पर आप अपने विचार मिलाकर अपने तरीके से प्रयुक्त कर सकते हैं -
■ स्वतंत्रता शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है । जिनमे पहला शब्द "स्व" जिसका अर्थ = अपना , और दूसरा शब्द "तंत्रता" है , जो अरबी भाषा का तत्सम व बिगड़ा हुआ रूप है , जिसका अर्थ = आजादी से होता है । ■
■ ■ स्वतंत्रता सबको प्यारी होतीं है । प्रत्येक व्यक्ति , जीवधारी स्वतंत्र रहना चाहता है । हम जिस व्यक्ति के जीवन मे स्वतंत्रता देखते हैं , उसका चरित्र कुछ भिन्न होता है एक गुलामी की जिंदगी से । ■ ■
■ ■ ■ स्वतंत्रता के उदाहरण के लिये हम अपने देश भारत को ही लेले , जो कई वर्षों तक अंग्रेजों , डचों, यूनानियों , फ़्राँसीसियों आदि का गुलाम रहा है । जब तक विश्वगुरु कहलाने वाले भारतवर्ष ने गुलामी का जीवन व्यतीत किया , तब तक सम्पूर्ण विश्व के सामने भारत केवल एक गुलाम देश था ,
लेकिन
■ ■ ■ ■ 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतवर्ष प्रगति के पथ पर अग्रसर हुआ , और होता चला गया , और होता गया , और होता गया और वर्तमान समय मे भारत पुनः सम्पूर्ण विश्व समुदाय के सामने हमारा भारतवर्ष अपने मे एक ●● गौरव ●● लिए खड़ा है । और यह निरंतर प्रगतिशील है और आने वाले कुछ समय पश्चात यह पुनः विश्वगुरु के पद पर आसीन होगा । ■ ■ ■ ■
■ ■ ■ ■ ■ स्वतंत्रता एक सहज अधिकार है जो मनुष्यों के जन्म के बाद से है। स्वतंत्रता ऐसा कुछ नहीं है जिसे छुआ, देखा, महसूस किया जा सके या पहुंचा जा सके। यह सब स्वतंत्रता के बारे में एक अस्पष्ट विचार देता है। आजादी का क्या अर्थ है?
आजादी के विचार के बारे में अलग-अलग लोगों की राय, परिभाषा और विचार हैं। राजनीतिक भावना में आजादी के बारे में कुछ बात, सामाजिक आजादी के बारे में कुछ बात, व्यक्तिगत आजादी के बारे में कुछ और कुछ इसे धार्मिक स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित करते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि हर कोई स्वतंत्र होना चाहता है, सभी मामलों में सच है। ■ ■ ■ ■ ■
■ ■ ■ ■ ■ ■ परंतु आजकल के कुछ युवा आजादी का गलत अर्थ निकालते हैं उनका मानना है कि जब 1947 में आजादी प्राप्त कर चुके हैं , तो उन्हें भारत के संविधान का अनुसरण क्यों करना पड़ रहा है , ?
जो कि बहुत गलत बात है हम आजाद भले हुए हैं परंतु हम भी भारत के संविधान के दायरे में आते हैं , क्योंकि हम भारत के निवासी हैं । हम भारतवासी हैं ।
इसीलिए हम आजाद हैं परंतु वहीं तक जहां तक हम किसी की शांति भंग नहीं करते । यदि हम किसी अन्य व्यक्ति की शांति भंग करते हैं तो हमारी स्वतंत्रता वही भंग हो जाती है ।
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■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ किसी लेखक ने बहुत ही सुंदर लेख में कहा है कि 【 आप की स्वतंत्रता दूसरे व्यक्ति की नाक तक ही सीमित है 】
इसका भी वही तात्पर्य है कि आप की स्वतंत्रता वहीं तक सीमित है जहां तक दूसरे व्यक्ति का क्षेत्र प्रारंभ होता है । क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की नाक उसके शरीर का सबसे लंबा ऐसा होता है । और जब भी आप उस व्यक्ति के नाता पहुंचते हैं या फिर उसकी सुंदरता में दाखिल देते हैं । या दाखिल होते हैं , तो वह आपके ऊपर आपकी सफलता बंद कर सकता है। ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■
**** उपसंहार **** >>>>>
■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ अंत में मैं यह कह सकता हूं कि प्रत्येक जीवधारी चाहे वह मनुष्य या जॉब पाए हो या पक्षियों या पशु हो जिस में भी प्राण है वह जीवित है स्वतंत्रता उसका जन्मसिद्ध अधिकार है और उसके लिए वह स्वतंत्र है। ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■ ■
••••••• Thanks for question •••••••
I really like your your question and so sorry for my mistakes in my answer .
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Answer:
स्वतंत्रता एक जन्मजात अधिकार है जो मनुष्य को जन्म से ही प्राप्त है। स्वतंत्रता कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे छुआ, देखा, सूंघा या छुआ जा सके। यह सब स्वतंत्रता का एक अस्पष्ट विचार देता है। स्वतंत्रता का वास्तव में क्या अर्थ है? स्वतंत्रता के विचार के बारे में अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय, परिभाषाएं और विचार हैं। कुछ राजनीतिक अर्थों में स्वतंत्रता की बात करते हैं, अन्य सामाजिक स्वतंत्रता की बात करते हैं, अन्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात करते हैं और अन्य इसे धार्मिक स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित करते हैं। लेकिन यह तथ्य कि हर कोई स्वतंत्र होना चाहता है, हर मामले में सच है।
स्वतंत्रता अपने जीवन को अपनी इच्छानुसार जीने का विकल्प है, जहाँ आप चाहते हैं, वहाँ रहने के लिए, पसंद से खाने के लिए और यह जानने के लिए कि आपका दिल क्या चाहता है। इसका मतलब यह है कि स्वतंत्रता जीवन के विभिन्न पहलुओं पर लागू हो सकती है और स्वतंत्रता एक पूर्ण शब्द नहीं है। स्वतंत्रता सम्मान सुनिश्चित करने के बारे में है न कि स्वतंत्र रहने के लिए। सभी समाज स्वतंत्रता को अपने-अपने सम्मान में परिभाषित करते हैं। विभिन्न संस्कृतियाँ स्वतंत्रता को अपने स्वयं के प्रकाश में देखती हैं, और परिणामस्वरूप, विभिन्न संस्कृतियों में रहने वाले लोग स्वतंत्रता का आनंद इस तरह से लेते हैं जैसा कि वे उचित समझते हैं।
स्वतंत्रता की निश्चित रूप से कोई विशेष परिभाषा नहीं है। जबकि कुछ लोग स्वतंत्र रूप से कार्य करने और विचारों को व्यक्त करने का अवसर देखते हैं, दूसरों को लगता है कि यह वह करने का अवसर है जो हम करना चाहते हैं, दूसरों पर प्रभाव की परवाह किए बिना। एक कैदी के लिए जेल से बाहर होने का मतलब आजादी है। लेकिन सामाजिक दृष्टिकोण से, स्वतंत्रता निश्चित रूप से एक ऐसी चीज है जिसे करने के लिए व्यक्ति सामाजिक रीति-रिवाजों और देश के कानून का सम्मान करते हुए स्वतंत्र है। कोई भी समाज सभी सामाजिक प्राणियों को पूर्ण स्वतंत्रता की गारंटी नहीं दे सकता। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह पूरी तरह से अराजकता होगी यदि हम यह समझने की कोशिश करें कि समाज में हर कोई क्या करना चाहता है।
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