i want hindi story on bina vichare Jo kare so pache pachtaye
Answers
और बेटी के हाथो में सेव रखते हुए बोले की क्या इन सेवो में से मुझे भी खिलाओगी यह सुनते ही उस छोटी लड़की ने तुरंत एक सेव अपने दातो से काट लिया और उसके पिता कुछ बोल पाते इतने में उस छोटी लड़की ने दूसरा सेव भ अपने दातो से काट लिया
अपनी बेटी की इस हरकत को देखकर उसके पिता बहुत ही आश्चर्यचकित थे और मन ही मन सोचने लगे की उसकी बेटी के मन में लालच है इसलिए उसकी बेटी अपनी सेव साक्षा करने में ऐसा कर रही है और ये सब सोचते हुए बहुत ही गहरी चिंता में डूब गये, चेहरे से प्रसन्नता गायब हो चुकी थी
लेकिन इतने में ही अचानक उसकी बेटी ने अपने पिताजी के हाथ पर एक सेव रखते हुए कहा की “पिताजी यह सेव बहुत ही प्यारा और स्वादिष्ट है और मीठा भी बहुत है इसे आप खाईये” यह सब बाते सुनकर उस लड़की के पिताजी अवाक थे और पलभर पहले ही अपनी बेटी के बारे में न जाने क्या क्या सोच लिया था और फिर उन्हें लगा की अब वह जल्दबाजी में कभी भी ना सोचेगे क्यू जल्दबाजी का निर्णय गलत भी हो सकता है और इस प्रकार अपने बेटी के इस कार्य से एक बार फिर से उनके चेहरे पर मुस्कान वापस आ गयी और फिन मन ही मन अपने बेटी पर गर्व करने लगे थे
नैतिक शिक्षा –
किसी भी चीज को तुरंत सोचकर किसी ठोस निर्णय पर न जाए चीजो को समझने के लिए वक्त देना बहुत ही जरुरी होता है क्यूकी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय गलत भी हो सकता है
Answer:
बहुत पहले की बात है एक नगर में एक सेठ और सेठानी रहते थे एक दिन सेट एक नेवला के बच्चे को घर ले आया, सेठानी नेवले को देख कर बहुत प्रसन्न हुई, वह बड़े प्यार से उसे पालने लगी, नेवला भी सेट और सेठानी से बहुत प्रेम करता था, कुछ समय बाद सेठानी के एक लड़का पैदा हुआ सेठानी दोनों का पालन पोषण बड़े प्रेम से करने लगी , नेवले के प्रति सेठानी का प्यार पहले जैसा ही रहा,
1 दिन की बात है कि जब लड़का सो रहा था तो सेठानी बाजार चली गई उसी समय कहीं से घर में एक सांप घुस आया, सब धीरे-धीरे लड़के के पास पहुंच गया, यह देखकर नेवले ने सांप को झपट कर मार डाला, तथा उसके टुकड़े टुकड़े कर दिए,सांप को मारने से उसका मुंह खून से लाल हो रहा था, वह अपनी बहादुरी पर प्रसन्न हो रहा था, वह दरवाजे पर बैठकर सेठानी की प्रतीक्षा करने लगा, जब सेठानी बाजार से वापस आई तो उसने नेवले के मुंह पर खून लगा देखा, उसने सोचा कि आज इस नेवले ने मेरे बच्चे को मार डाला है, क्रोध में आकर उसने नेवले को मार डाला,जब सेठानी घर के अंदर गई तो उसने देखा कि लड़का तो आराम से सो रहा है और उसके पास एक सांप मरा पड़ा है, यह देखकर वह बहुत पछताए और रोने लगी, कुछ देर के बाद जब सेठ घर आया और उससे रोने का कारण पूछा तो सेठानी बोली- मैंने बिना सोचे इस नेवले को मार दिया हैइसने तो इस सांप से मेरी बच्ची की रक्षा की थी, इस पर सेठ ने कहा कि" बिना सोचे समझे जो काम करता है वह इसी प्रकार बाद में पछताता है"