Hindi, asked by ufg, 1 year ago

I want sanwad lekhan in hindi in 30 lines please any one help me

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Answered by pra678
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hope it would a helpful....
please mark as the brainliest answer..
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shankarphoto7p9mxh1: are you from ashoka hall
shankarphoto7p9mxh1: i am too from ashoka hall
pra678: nooo
shankarphoto7p9mxh1: ok
Answered by shankarphoto7p9mxh1
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अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ(1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत विचार होना चाहिए। 
(2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। 
(3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। 
(4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा। 
(5) संवाद का आरम्भ और अन्त रोचक हो। 
ऊपर दी गयी विशेषताओं को ध्यान में रखकर छात्रों को संवाद लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे उनमें जीवनगत यथार्थ को समझने और सर्जनात्मक शक्ति को जागरित करने का अवसर मिलता है। उनमें बोलचाल की भाषा लिखने की प्रवृति जगती है।

कुछ उदाहरण इस प्रकार है-हामिद और दुकानदार का संवाद

हामिद- यह चिमटा कितने का है ?
दुकानदार- यह तुम्हारे काम का नहीं है जी।
हामिद- बिकाऊ है कि नहीं ?
दुकानदार- बिकाऊ नहीं है और यहाँ क्यों लाद लाये है ?
हामिद- तो बताते क्यों नहीं, कै पैसे का है ?
दुकानदार-छे पैसे लगेंगे। 
हामिद- ठीक बताओ। 
दुकानदार- ठीक-ठीक पाँच पैसे लगेंगे, लेना हो तो लो, नहीं तो चलते बनो। 
हामिद- तीन पैसे लोगे ?


पड़ोसी और अँगनू काका का संवाद

पड़ोसी- यह पिल्ला कब पाला, अँगनू काका ?
अँगनू काका- अरे भैया, मैंने काहे को पाला। यहाँ अपने ही पेट का ठिकाना नहीं। रात में न जाने कहाँ से आ गया!
पड़ोसी- तुम इसे पाल लो, काका। 
अँगनू काका- भैया की बातें !इसे पालकर करेंगे क्या ?
पड़ोसी- तुम्हारी कोठरी ताका करेगा। 
अँगनू काका- कोठरी में कौन खजाना गड़ा है, जो ताकेगा।


रोगी और वैद्य

रोगी- (औषधालय में प्रवेश करते हुए) वैद्यजी, नमस्कार!
वैद्य- नमस्कार! आइए, पधारिए! कहिए, क्या हाल है ?
रोगी- पहले से बहुत अच्छा हूँ। बुखार उतर गया है, केवल खाँसी रह गयी है। 
वैद्य- घबराइए नहीं। खाँसी भी दूर हो जायेगी। आज दूसरी दवा देता हूँ। आप जल्द अच्छे हो जायेंगे। 
रोगी- आप ठीक कहते हैं। शरीर दुबला हो गया है। चला भी नहीं जाता और बिछावन पर पड़े-पड़े तंग आ गया हूँ। 
वैद्य- चिंता की कोई बात नहीं। सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं। कुछ दिन और आराम कीजिए। सब ठीक हो जायेगा। 
रोगी- कृपया खाने को बतायें। अब तो थोड़ी-थोड़ी भूख भी लगती है। 
वैद्य- फल खूब खाइए। जरा खट्टे फलों से परहेज रखिए, इनसे खाँसी बढ़ जाती है। दूध, खिचड़ी और मूँग की दाल आप खा सकते हैं। 
रोगी- बहुत अच्छा! आजकल गर्मी का मौसम है; प्यास बहुत लगती है। क्या शरबत पी सकता हूँ ?
वैद्य- शरबत के स्थान पर दूध अच्छा रहेगा। पानी भी आपको अधिक पीना चाहिए। 
रोगी- अच्छा, धन्यवाद! कल फिर आऊँगा। 
वैद्य- अच्छा, नमस्कार।

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