I want summary of part 2 lakh ki chudiya of class 8 hindi Plz tell me About this
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Answer "लाख की चूड़ियां" एक खूबसूरत पाठ 'कामता नाथ ' द्वारा रचित है इस पाठ में लेखक अपने मामा के गांव हर साल जाते थे क्योंकि वहां पर उन्हें बदलू काका मिलते थे जो कि एक मनीहार और स्वभाव से विनम्र और सीधे-साधे व्यक्ति थे, चूड़ियां बनाना बदलू काका का पैतृक पेशा था। वह लाख की चूड़ियां बनाते थे गांव की सभी स्त्रियां एवं दूसरे गांव की स्त्रियां भी उन्हीं की बनाई हुई चूड़ियां पहनती थी। वह चूड़ियां बेचने के लिए वस्तु विनियम पद्धति का सहारा लेते थे।
वैसे तो वह बहुत कम दाम मांगते थे परंतु शादी विवाह के समय में चूड़ियों कि मुंह मांगी रकम लेते थे। कांच की चूड़ियों से उन्हें सख्त नफरत थी।
लेखक के पिताजी का तबादला एक दूसरे शहर में हो गया जिसके कारण वह एक लंबी अवधि तक अपने मामा के गांव ना जा सके और ना ही बदलू से मिल पाए कुछ साल बाद जब लेखक बदलू के बारे में भूल चुके थे। वह अपने मामा के घर गए तब उनके मामा की बेटी के हाथ एक कांच की चूड़ियों के कारण चोट लगते हुए देख उन्हें बदलू काका की याद आ गई और वह उनके घर गए और वहा देखा की बदलू काका बहुत ही दुबले पतले हो चुके थे। अब उसकी गाय भी बिक चुकी थी और लाख की चूड़ियों का काम भी बंद हो चुका था। परंतु बदलू के मन की व्यथा उसके चेहरे से झलक रही थी बदलू नहीं परिस्थितियों के सामने ना झुका और ना ही उसने हार मानी उसका व्यक्तित्व कांच की चूड़ियों जैसा नहीं था जो आसानी से टूट जाए
इस कहानी द्वारा लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें विपिन परेशानियों के सामने हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि सुख-दुख सिक्के के दो पहलू हैं
HOPE ITS HELP FULL PLEASE MARK AS BRAINLIEST