Hindi, asked by bhandariramith510, 23 hours ago

I want the summary of kahani Tangewala written by Subhadra kumari chauhan in her book Amrit sanchay .

Please tell only answer not nothing else otherwise I will report that id .

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Answered by qwstoke
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तांगेवाला कहानी का सारांश निम्नलिखित है

  • लेखक ने एक बार गर्मी की छुट्टियों में अपने मित्रों के साथ कश्मीर जाने का कार्यक्रम बनाया, परन्तु जाने से दो दिन पहले उनके मित्र का संदेश आया जिसके कारण लेखक को कश्मीर जाने का कार्यक्रम रद्द कर गांव जाना पड़ा।
  • जिस स्टेशन पर लेखक को पहुंचना था उस स्टेशन पर दोपहर एक बजे लेखक पहुंचा, लेखक के मित्र का घर उस स्टेशन से 23 मील दूर था,इसलिए भरी दोपहरी में न जाकर थोड़ी देर विश्राम कर शाम के समय निकलना उचित समझा।
  • लेखक ने एक तांगेवाले से बात की व शाम छह बजे वे लोग स्टेशन से निकले, तांगेवाला रास्ते भर अपनी कहानी सुनाता रहा व देशभक्ति की बाते करता रहा।

  • तांगेवाले ने बताया कि उसका नाम रामदास है, उसे अंग्रेजो से नफ़रत है, उसने स्वतंत्रता की लड़ाई के वक्त गांधीजी के स्वाधीनता संग्राम में भाग लिया था, वह जेल भी गया था। उसने कहा कि उसे सरकारी नौकरी मिल रही थी परन्तु उसे किसी की गुलामी स्वीकार न थी इसलिए उसने तांगा चलाने का निर्णय लिया ,वह पांच वर्षों से तांगा चला रहा था।

  • रास्ते में एक नदी आयी , उन दोनों ने वहां थोड़ी देर विश्राम किया, तांगेवाले ने बताया कि सन सत्तावन के आंदोलन के समय अंग्रेज अफसरों के सामने तथा टोपे उस नदी को पार कर गये थे।
  • इस प्रकार कैसे सफर कट गया ,पता ही न चला।
Answered by alokalokaalok
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Answer:

   लेखक ने एक बार गर्मी की छुट्टियों में अपने मित्रों के साथ कश्मीर जाने का कार्यक्रम बनाया, परन्तु जाने से दो दिन पहले उनके मित्र का संदेश आया जिसके कारण लेखक को कश्मीर जाने का कार्यक्रम रद्द कर गांव जाना पड़ा।

   जिस स्टेशन पर लेखक को पहुंचना था उस स्टेशन पर दोपहर एक बजे लेखक पहुंचा, लेखक के मित्र का घर उस स्टेशन से 23 मील दूर था,इसलिए भरी दोपहरी में न जाकर थोड़ी देर विश्राम कर शाम के समय निकलना उचित समझा।

   लेखक ने एक तांगेवाले से बात की व शाम छह बजे वे लोग स्टेशन से निकले, तांगेवाला रास्ते भर अपनी कहानी सुनाता रहा व देशभक्ति की बाते करता रहा।

   तांगेवाले ने बताया कि उसका नाम रामदास है, उसे अंग्रेजो से नफ़रत है, उसने स्वतंत्रता की लड़ाई के वक्त गांधीजी के स्वाधीनता संग्राम में भाग लिया था, वह जेल भी गया था। उसने कहा कि उसे सरकारी नौकरी मिल रही थी परन्तु उसे किसी की गुलामी स्वीकार न थी इसलिए उसने तांगा चलाने का निर्णय लिया ,वह पांच वर्षों से तांगा चला रहा था।

   रास्ते में एक नदी आयी , उन दोनों ने वहां थोड़ी देर विश्राम किया, तांगेवाले ने बताया कि सन सत्तावन के आंदोलन के समय अंग्रेज अफसरों के सामने तथा टोपे उस नदी को पार कर गये थे।

   इस प्रकार कैसे सफर कट गया ,पता ही न चला।

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