I want to write a few lines on swallows bird in Hindi
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आसमान में छोटी छोटी चिडियों के झुण्ड को गोलाकार उड़ते उड़ते कलरव करते हुए सबने देखा है ये अबाबीले है जिसे अंग्रेजी में Swallow कहते है | अबाबील विश्व प्रसिद्ध चिडियों में से एक है | आइये आज आपको अबाबील पक्षी से जुडी रोचक जानकारियाँ देते है |
अबाबील का उपरी हिस्सा कुछ नीलापन लिए चमकीला काला होता है | सिर के बगल का हिस्सा भूरा और गले के चारो ओर कत्थई पट्टी होती है और पीठ के नीचे एक सफेद चौड़ी धारी होती है |
अबाबील की आँख की पुतली भूरी और चोंच एवं पैर काले होते है | इसके पाँव छोटे ,चोंच मोटी लेकिन छोटी सी होती है | डैन लम्बे होते है | दम दो भागो में बटी और लम्बी होती है |
अबाबील का मुँह चौड़ा होता है जिससे ये हवा में उड़ने वाले पतंगो को आसानी से चट कर जाती है |
आकार में गौरैया से छोटी अबाबील उड़ने में बहुत तेज होती है जो अपने दल के साथ उडती है |
अबाबील की 78 किस्मे मिलती है जो आकार में 4-9 इंच होती है |
अबाबील के पर साधारणत: गहरे काले , भूरे ,हरे या नीले होते है |
अबाबील किसी पुराने मकान , मस्जिद या मन्दिर में प्याले की शक्ल का घोंसला बनाती है | घोंसले पर भीतर जाने के लिए छत के पास एक सुराख होता है |
अबाबील भारत में सितम्बर-अक्टूबर में आना शुरू कर देती है और अप्रैल मई में चली जाती है |
अबाबील ब्रिटेन से दक्षिण अफ्रीका की 6000 मील की यात्रा करती है |
अबाबील को मौसम की बहुत अच्छी जानकारी रहती है | जब यह कम ऊँचाई पर उडती है तो इसका मतलब होता है मौसम ठंडा है और बारिश आने वाली है और जब यह काफी ऊँचाई पर उडती है तो इसका मतलब है कि आसमान साफ़ है और यही मौसम रहने वाला है |
जब शरद ऋतू समाप्त होती है और ब्रिटेन में कीड़े नाममात्र के रह जाते है तो अबाबील अपने देश लौट आती है | अबाबील जुलाई के अंत में ब्रिटेन ब्रिटेन छोड़ना शुरू कर देती है | यह अगस्त माह में मध्य तक इथियोपिया पहुच जाती है | अक्टूबर के मध्य तक रोडेशिया और दक्षिणी अफ्रीका में आने लगती है |
सभी अबाबील एक ही दिन में अपना स्थान नही छोड़ देती | सितम्बर माह तक सभी ब्रिटेन छोडकर चली जाती है | ब्रिटेन से दक्षिण अफ्रीका तक की यात्रा नन्ही सी अबाबील के लिए बहुत लम्बी है और इतनी ही दूरी पर इसे वापस लौटकर आना भी होता है |
सभी अबाबील अप्रैल माह तक दक्षिणी अफ्रीका छोड़ देती है और ब्रिटेन लौटकर आ जाती है | लौटकर उसी स्थान पर घोंसला बनाती है जहा पिछले वर्ष बनाया था |
यूरोप की अबाबील उत्तरी यूरोप से दक्षिणी अफ्रीका तक 11000 किमी की प्रवास यात्रा करती है | पूर्वी अबाबील सर्दी बिताने के लिए दक्षिणी भाग श्रीलंका ,लक्षद्वीप और अंडमान द्वीप समूह तक आ जाती है |
सितम्बर और अक्टूबर में कर्नाटक और नीलगिरी पर्वत पर पहुँच जाती है | सितम्बर के तीसरे-चौथे सप्ताह में श्रीलंका और अंडमान पहुच जाती है | सर्दियों में उत्तर और दक्षिणी कोरिया , ताइवान , मलय ,थाईलैंड आदि देशो में भी जाती है | अप्रैल में वापस अंडमान चली आती है |
कुछ अबाबील सबसे बड़ी प्रवासी चिडिया होती है | इसकी एक किस्म यूरोप से भारत और मलेशिया की प्रवास यात्रा करती है | ये सिर्फ दिन को ही यात्रा करती है |
अबाबील के अलावा ऐसी कोई चिड़िया नही है जो प्रवास यात्रा निश्चित तारीख को शुरू करती हो और निश्चित समय पर पहुचती हो | समय की यह बड़ी पाबन्द होती है |
ऑस्ट्रेलिया में पायी जाने वाली White Backed Swallow 15 सेमी आकार की होती है | पृष्ट भाग , गला और सीना सफेद होता है और बाकी पूरा शरीर काला होता है |
अबाबीलो में सबसे अधिक परिचित और प्रसिद्ध घरेलू अबाबील होती है जो सारे यूरोप ,अफ्रीका और एशिया के अधिकाँश देशो में पायी जाती है | ठंडे देशो में ये गर्मियों में ही पायी जाती हो |
हिमालय की तराइयो में भी यह बड़ी संख्या में पायी जाती है | इसके उपर से लोहे के रंग की झलक लिए नीले , नीचे से हल्के पीले होते है | दुम पर सफेद चित्तो की कतार होती है | लम्बी दम खाने वाले काँटे की तरह होती है |
एक किस्म की अबाबील की दम असाधारण रूप से लम्बी होती है | किसी लम्बे महीन तार जैसी दम रचना के कारण इसे Wire Taled Swallow भी कहते है |
Wire Taled Swallow घरेलू अबाबील से कद में छोटी लेकिन बहुत सुंदर होती है | अक्सर मकान के बरामदी में घोंसला बनाती है |पानी का किनारा या आसपास की जगह इसे पसंद है |
देखने में घरेलू अबाबील जैसी ही मस्जिद अबाबील बोतल जैसा घोंसला बनाती है | अप्रैल से अगस्त इसका प्रजनन समय होता है |
अबाबील की एक किस्म ताड़ी अबाबील ताड़ के पेड़ पर ही अपना घोंसला बनाती है | इसकी दम का आखिरी हिस्सा लाल होता है |
अबाबील को “आजाद पंछी” माना जाता है क्योंकि ना तो इसे कैद में रखा जा सकता है और ये केवल जंगलो में ही Mat
अबाबील का उपरी हिस्सा कुछ नीलापन लिए चमकीला काला होता है | सिर के बगल का हिस्सा भूरा और गले के चारो ओर कत्थई पट्टी होती है और पीठ के नीचे एक सफेद चौड़ी धारी होती है |
अबाबील की आँख की पुतली भूरी और चोंच एवं पैर काले होते है | इसके पाँव छोटे ,चोंच मोटी लेकिन छोटी सी होती है | डैन लम्बे होते है | दम दो भागो में बटी और लम्बी होती है |
अबाबील का मुँह चौड़ा होता है जिससे ये हवा में उड़ने वाले पतंगो को आसानी से चट कर जाती है |
आकार में गौरैया से छोटी अबाबील उड़ने में बहुत तेज होती है जो अपने दल के साथ उडती है |
अबाबील की 78 किस्मे मिलती है जो आकार में 4-9 इंच होती है |
अबाबील के पर साधारणत: गहरे काले , भूरे ,हरे या नीले होते है |
अबाबील किसी पुराने मकान , मस्जिद या मन्दिर में प्याले की शक्ल का घोंसला बनाती है | घोंसले पर भीतर जाने के लिए छत के पास एक सुराख होता है |
अबाबील भारत में सितम्बर-अक्टूबर में आना शुरू कर देती है और अप्रैल मई में चली जाती है |
अबाबील ब्रिटेन से दक्षिण अफ्रीका की 6000 मील की यात्रा करती है |
अबाबील को मौसम की बहुत अच्छी जानकारी रहती है | जब यह कम ऊँचाई पर उडती है तो इसका मतलब होता है मौसम ठंडा है और बारिश आने वाली है और जब यह काफी ऊँचाई पर उडती है तो इसका मतलब है कि आसमान साफ़ है और यही मौसम रहने वाला है |
जब शरद ऋतू समाप्त होती है और ब्रिटेन में कीड़े नाममात्र के रह जाते है तो अबाबील अपने देश लौट आती है | अबाबील जुलाई के अंत में ब्रिटेन ब्रिटेन छोड़ना शुरू कर देती है | यह अगस्त माह में मध्य तक इथियोपिया पहुच जाती है | अक्टूबर के मध्य तक रोडेशिया और दक्षिणी अफ्रीका में आने लगती है |
सभी अबाबील एक ही दिन में अपना स्थान नही छोड़ देती | सितम्बर माह तक सभी ब्रिटेन छोडकर चली जाती है | ब्रिटेन से दक्षिण अफ्रीका तक की यात्रा नन्ही सी अबाबील के लिए बहुत लम्बी है और इतनी ही दूरी पर इसे वापस लौटकर आना भी होता है |
सभी अबाबील अप्रैल माह तक दक्षिणी अफ्रीका छोड़ देती है और ब्रिटेन लौटकर आ जाती है | लौटकर उसी स्थान पर घोंसला बनाती है जहा पिछले वर्ष बनाया था |
यूरोप की अबाबील उत्तरी यूरोप से दक्षिणी अफ्रीका तक 11000 किमी की प्रवास यात्रा करती है | पूर्वी अबाबील सर्दी बिताने के लिए दक्षिणी भाग श्रीलंका ,लक्षद्वीप और अंडमान द्वीप समूह तक आ जाती है |
सितम्बर और अक्टूबर में कर्नाटक और नीलगिरी पर्वत पर पहुँच जाती है | सितम्बर के तीसरे-चौथे सप्ताह में श्रीलंका और अंडमान पहुच जाती है | सर्दियों में उत्तर और दक्षिणी कोरिया , ताइवान , मलय ,थाईलैंड आदि देशो में भी जाती है | अप्रैल में वापस अंडमान चली आती है |
कुछ अबाबील सबसे बड़ी प्रवासी चिडिया होती है | इसकी एक किस्म यूरोप से भारत और मलेशिया की प्रवास यात्रा करती है | ये सिर्फ दिन को ही यात्रा करती है |
अबाबील के अलावा ऐसी कोई चिड़िया नही है जो प्रवास यात्रा निश्चित तारीख को शुरू करती हो और निश्चित समय पर पहुचती हो | समय की यह बड़ी पाबन्द होती है |
ऑस्ट्रेलिया में पायी जाने वाली White Backed Swallow 15 सेमी आकार की होती है | पृष्ट भाग , गला और सीना सफेद होता है और बाकी पूरा शरीर काला होता है |
अबाबीलो में सबसे अधिक परिचित और प्रसिद्ध घरेलू अबाबील होती है जो सारे यूरोप ,अफ्रीका और एशिया के अधिकाँश देशो में पायी जाती है | ठंडे देशो में ये गर्मियों में ही पायी जाती हो |
हिमालय की तराइयो में भी यह बड़ी संख्या में पायी जाती है | इसके उपर से लोहे के रंग की झलक लिए नीले , नीचे से हल्के पीले होते है | दुम पर सफेद चित्तो की कतार होती है | लम्बी दम खाने वाले काँटे की तरह होती है |
एक किस्म की अबाबील की दम असाधारण रूप से लम्बी होती है | किसी लम्बे महीन तार जैसी दम रचना के कारण इसे Wire Taled Swallow भी कहते है |
Wire Taled Swallow घरेलू अबाबील से कद में छोटी लेकिन बहुत सुंदर होती है | अक्सर मकान के बरामदी में घोंसला बनाती है |पानी का किनारा या आसपास की जगह इसे पसंद है |
देखने में घरेलू अबाबील जैसी ही मस्जिद अबाबील बोतल जैसा घोंसला बनाती है | अप्रैल से अगस्त इसका प्रजनन समय होता है |
अबाबील की एक किस्म ताड़ी अबाबील ताड़ के पेड़ पर ही अपना घोंसला बनाती है | इसकी दम का आखिरी हिस्सा लाल होता है |
अबाबील को “आजाद पंछी” माना जाता है क्योंकि ना तो इसे कैद में रखा जा सकता है और ये केवल जंगलो में ही Mat
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