I will give u 5 stars and brainliestश्न २. निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए। क) रामचंद्र जी का आदेश था इसलिए लक्ष्मण को जाना था। (सरल वाक्य बनाइए) ख) बालक गुड्डे से खेल रहा है। (वाक्य में लिंग बदलिए) ग) मोहन कल विद्यालय गया था। (भविष्यत काल में बदलिए) घ) परिश्रम न करने के कारण वह सफल नहीं हुआ। (असफलता का प्रयोग कीजिए) डं) वह साहसी नहीं है। (साहस का प्रयोग कीजिए) च) काँच के इस टुकड़े से आर-पार देखा जा सकता है। (रेखांकित शब्दों के स्थान पर एक शब्द का करें) I will give u 5 stars
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Answer:
रामराज्य का वर्णन
चौपाई :
* दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥1॥
भावार्थ:-'रामराज्य' में दैहिक, दैविक और भौतिक ताप किसी को नहीं व्यापते। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते हैं और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं॥1॥
* चारिउ चरन धर्म जग माहीं। पूरि रहा सपनेहुँ अघ नाहीं॥
राम भगति रत नर अरु नारी। सकल परम गति के अधिकारी॥2॥
भावार्थ:-धर्म अपने चारों चरणों (सत्य, शौच, दया और दान) से जगत् में परिपूर्ण हो रहा है, स्वप्न में भी कहीं पाप नहीं है। पुरुष और स्त्री सभी रामभक्ति के परायण हैं और सभी परम गति (मोक्ष) के अधिकारी हैं॥2॥
* अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। सब सुंदर सब बिरुज सरीरा॥
नहिं दरिद्र कोउ दुखी न दीना। नहिं कोउ अबुध न लच्छन हीना॥3॥
भावार्थ:-छोटी अवस्था में मृत्यु नहीं होती, न किसी को कोई पीड़ा होती है। सभी के शरीर सुंदर और निरोग हैं। न कोई दरिद्र है, न दुःखी है और न दीन ही है। न कोई मूर्ख है और न शुभ लक्षणों से हीन ही है॥3॥