i will mark him brainliest who send me the solved sample paper for class 10 hindi
Answers
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कम उमर में विकसित अवचेतन मन का हमारे जीवन पर असर बिलकुल हाल में । समझ में आया हो, ऐसा नहीं है। कोई 500 साल से कुछ धर्म-प्रचारकों में यह कहा जाता रहा है कि किसी भी बालक को हमें छह-सात साल की उमर तक के लिए दे दीजिए। वह बड़ा होने के बाद जीवन भर हमारा ही बना रहेगा। उन्हें पता था कि पहले सात साल में सिखाया गया ढर्रा किसी व्यक्ति की जीवन-राह तय कर सकता है। उस व्यक्ति की कामनाएँ और इच्छाएँ चाहे कुछ और भी हों, तो भी वह इस दौर को भूल नहीं पाता। क्या यह मान लें कि नकारात्मक बातों से भरे हमारे इस । अवचेतन मन से हमें आज़ादी मिल ही नहीं सकती? ऐसा नहीं है। इस तरह की आजादी की अनुभूति हर किसी को कभी न कभी जरूर होती है। इसका एक उदाहरण है, प्रेम की मानसिक अवस्था। प्रेम में, स्नेह में अभिभूत व्यक्ति का स्वास्थ्य कुछ अलग चमकता हुआ दिखता है, उसमें ऊर्जा दिखती है।
NCERT Solutions for Class 10 Maths
CLICK HERE
Learn CBSE
NCERT Solutions for Class 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12
Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1
December 3, 2018 by Sastry CBSE
Download Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 2019 PDF to understand the pattern of questions asks in the board exam. Know about the important topics and questions to be prepared for CBSE Class 10 Hindi board exam and Score More marks. Here we have given Hindi A Sample Paper for Class 10 Solved Set 1.
Board – Central Board of Secondary Education, cbse.nic.in
Subject – CBSE Class 10 Hindi A
Year of Examination – 2019.
Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1
हल सहित सामान्य
निर्देश :
• इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।
• चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
• यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कम उमर में विकसित अवचेतन मन का हमारे जीवन पर असर बिलकुल हाल में । समझ में आया हो, ऐसा नहीं है। कोई 500 साल से कुछ धर्म-प्रचारकों में यह कहा जाता रहा है कि किसी भी बालक को हमें छह-सात साल की उमर तक के लिए दे दीजिए। वह बड़ा होने के बाद जीवन भर हमारा ही बना रहेगा। उन्हें पता था कि पहले सात साल में सिखाया गया ढर्रा किसी व्यक्ति की जीवन-राह तय कर सकता है। उस व्यक्ति की कामनाएँ और इच्छाएँ चाहे कुछ और भी हों, तो भी वह इस दौर को भूल नहीं पाता। क्या यह मान लें कि नकारात्मक बातों से भरे हमारे इस । अवचेतन मन से हमें आज़ादी मिल ही नहीं सकती? ऐसा नहीं है। इस तरह की आजादी की अनुभूति हर किसी को कभी न कभी जरूर होती है। इसका एक उदाहरण है, प्रेम की मानसिक अवस्था। प्रेम में, स्नेह में अभिभूत व्यक्ति का स्वास्थ्य कुछ अलग चमकता हुआ दिखता है, उसमें ऊर्जा दिखती है।
वैज्ञानिकों को हाल ही में पता चला है कि जो लोग रचनात्मक ढंग से सोचने की अवस्था में होते हैं, आनंद में रहते हैं, उनका चेतन मन 90 प्रतिशत सजग रहता है।