Hindi, asked by rajaraju78420085306, 5 months ago

I will mark you as brainliest

it's urgent fast. ......​

Attachments:

Answers

Answered by Anonymous
6

Answer:

द्रोणाचार्य कौरव सेना के सेनापति के रूप में। द्रोणाचार्य ऋषि भारद्वाज तथा घृतार्ची नामक अप्सरा के पुत्र तथा धर्नुविद्या में निपुण परशुराम के शिष्य थे। कुरू प्रदेश में पांडु के पाँचों पुत्र तथा धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों के वे गुरु थे।

शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात द्रोण का विवाह कृपाचार्य की बहन कृपी के साथ हो गया। कृपी से उनका एक पुत्र हुआ। यह महाभारत का वह महत्त्वपूर्ण पात्र बना जिसका नाम अश्वत्थामा था। द्रोणाचार्य ब्रह्मास्त्र का प्रयोग जानते थे जिसके प्रयोग करने की विधि उन्होंने अपने पुत्र अश्वत्थामा को भी सिखाई थी।

सुवर्णमय रथ वाले द्रोणाचार्य अत्‍यन्‍त दुष्‍कर पराक्रम करके अन्‍त में पाण्‍डवों सहित अमंगलकारी क्रूरकर्मा पांचालों के हाथ से मारे गये।

Similar questions