i will mark you as brainlist
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1st ans: परिश्रम का मनुष्य के लिए वही महत्व है जो उसके लिए खाने और सोने का है । बिना परिश्रम का जीवन व्यर्थ होता है क्योंकि प्रकृति द्वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग वही कर सकता है जो परिश्रम पर विश्वास करता है । परिश्रम अथवा कर्म का महत्व श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन को गीता के उपदेश द्वारा समझाया था ।
2nd ans: किसी भी चीज को खरीदते समय उपभोक्ता के पास उस संबंधित वस्तु को खरीदने का कारण होना चाहिए। उसे विक्रेता की बातों को ही अंतिम सत्य नहीं मान लेना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी भी सामान या सेवा लेते समय उपभोक्ता को उसकी गुणवत्ता, मात्रा, कीमत व उपयोगिता की परख जरूर करनी चाहिए।
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are you forgotten your promise?
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