India Languages, asked by Ayushman2007Ayushman, 8 months ago

I will mark you brain list if you answer correctly and fast अपने मित्र के साथ वार्तालाप करके उसे संस्कृत में लिखे । केवल दस वारिस में।

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Answered by Anonymous
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Answer:

फोन से मित्र का संवाद

संपादित करें

गिरीशः - हरिः ओम्।

गिरीश - हरि ओम् (हैलो)

अनन्तः - अरिओम्। कः वदति?

अनन्त - हरि ओम्। कौन बोल रहा है?

गिरीशः - अहं गिरीशः वदामि। मित्र! गृहे कोऽपि नास्ति किम्?

गिरीश - मैं गिरीश बोल रहा हूँ, मित्र घर में कोई नहीं है क्या?

अनन्तः - सर्वे सन्ति। पिता जपति। अम्बा पूजयति। अनुजः खादति। अग्रजा मालां करोति। पितामहः दूरदर्शनं पश्यति। पितामही स्नानं करोति।

अनन्त - सभी है पिता जप कर रहे है, माँ पूजा कर रही है, छोटा भाई खा रहा है, बड़ी बहन माला बना रही है, पितामह (दादाजी) टी.वी. देख रहे हैं, दादी स्नान कर रही हैं।

गिरीशः - त्वं किं करोषि? क्रीडसि वा?

गिरीश - तुम क्या कर रहे हो? खेल रहे हो क्या?

अनन्तः - अहं पठामि। उत्तरं लिखामि। तव अनुजौ किं कुरुतः?

अनन्त - मैं पढ़ रहा हूँ, उत्तर लिख रहा हूँ, तुम्हारे दोनों भाई क्या कर रहे हैं?

गिरीशः - मम अनुजौ शालां गच्छतः। अहं पिता च विद्यालयं गच्छावः।

गिरीश - मेरे दोनों भाई स्कूल जा रहे है। मैं और पिताजी विद्यालय जा रहे हैं।

अनन्तः - अद्य त्वमपि विद्यालयं न गच्छ? अहमपि न गच्छामि। वयं सर्वे अद्य मैसूरुनगरं गच्छामः। मम बान्धवाः। अपि आगच्दन्ति।

अनन्त - आज तुम भी विद्यालय न जाओ मैं भी नहीं जा रहा हूँ, हम सब आज मैसूर जा रहे है। मेरे परिवार के लोग भी आ रहे हैं।

गिरीशः - भवतः पिता कार्यालयः न गच्छति किम्?

गिरीश - आपके पिता कार्यालय नहीं जाते क्या?

अनन्तः - अद्य मम पिता विरामं स्वीकरोति।

अनन्त - आज मेरे पिता अवकाश ले लिया है।

गिरीशः - अनन्तः नहि भोः अहम् आगन्तुं न शक्नोमि। भवान् गच्छतु।

गिरीश - अनन्त! मैं नहीं आ सकता, आप जाओ।

अनन्तः - पुनः मिलामः, धन्यवादः।

अनन्त - फिर मिलते है, धन्यवाद।

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Answered by riya1347
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फोन से मित्र का संवाद

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गिरीशः - हरिः ओम्।

गिरीश - हरि ओम् (हैलो)

अनन्तः - अरिओम्। कः वदति?

अनन्त - हरि ओम्। कौन बोल रहा है?

गिरीशः - अहं गिरीशः वदामि। मित्र! गृहे कोऽपि नास्ति किम्?

गिरीश - मैं गिरीश बोल रहा हूँ, मित्र घर में कोई नहीं है क्या?

अनन्तः - सर्वे सन्ति। पिता जपति। अम्बा पूजयति। अनुजः खादति। अग्रजा मालां करोति। पितामहः दूरदर्शनं पश्यति। पितामही स्नानं करोति।

अनन्त - सभी है पिता जप कर रहे है, माँ पूजा कर रही है, छोटा भाई खा रहा है, बड़ी बहन माला बना रही है, पितामह (दादाजी) टी.वी. देख रहे हैं, दादी स्नान कर रही हैं।

गिरीशः - त्वं किं करोषि? क्रीडसि वा?

गिरीश - तुम क्या कर रहे हो? खेल रहे हो क्या?

अनन्तः - अहं पठामि। उत्तरं लिखामि। तव अनुजौ किं कुरुतः?

अनन्त - मैं पढ़ रहा हूँ, उत्तर लिख रहा हूँ, तुम्हारे दोनों भाई क्या कर रहे हैं?

गिरीशः - मम अनुजौ शालां गच्छतः। अहं पिता च विद्यालयं गच्छावः।

गिरीश - मेरे दोनों भाई स्कूल जा रहे है। मैं और पिताजी विद्यालय जा रहे हैं।

अनन्तः - अद्य त्वमपि विद्यालयं न गच्छ? अहमपि न गच्छामि। वयं सर्वे अद्य मैसूरुनगरं गच्छामः। मम बान्धवाः। अपि आगच्दन्ति।

अनन्त - आज तुम भी विद्यालय न जाओ मैं भी नहीं जा रहा हूँ, हम सब आज मैसूर जा रहे है। मेरे परिवार के लोग भी आ रहे हैं।

गिरीशः - भवतः पिता कार्यालयः न गच्छति किम्?

गिरीश - आपके पिता कार्यालय नहीं जाते क्या?

अनन्तः - अद्य मम पिता विरामं स्वीकरोति।

अनन्त - आज मेरे पिता अवकाश ले लिया है।

गिरीशः - अनन्तः नहि भोः अहम् आगन्तुं न शक्नोमि। भवान् गच्छतु।

गिरीश - अनन्त! मैं नहीं आ सकता, आप जाओ।

अनन्तः - पुनः मिलामः, धन्यवादः।

अनन्त - फिर मिलते है, धन्यवाद।

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