इच्छाका आवश्यक है। प्रश्न 9. कहा जाता है कि प्रशासनिक-तन्त्र के कामकाज में बहुत ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप होता है। सुझाव के तौर पर कहा जाता है कि ज्यादा-से-ज्यादा स्वायत्त एजेन्सियाँ बननी चाहिए, जिन्हें मन्त्रियों को जवाब न देना पड़े। (क) क्या आप मानते हैं कि इससे प्रशासन ज्यादा जन-हितैषी होगा? (ख) क्या इससे प्रशासन की कार्यकुशलता बढ़ेगी? (ग) क्या लोकतन्त्र का अर्थ यह होता है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशासन पर पूर्ण नियन्त्रण हो?
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Sorry I don't know
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please dont be mad
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