इच्छाओं को आवश्यकताओं में बदलने के लिए दो उदाहरण दीजिए
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Explanation:
अभिप्रेरणा लक्ष्य-आधारित व्यवहार का उत्प्रेरण या उर्जाकरण है। अभिप्रेरणा या प्रेरणा आंतरिक या बाह्य हो सकती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर इंसानों के लिए किया जाता है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, पशुओं के बर्ताव के कारणों की व्याख्या के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस आलेख का संदर्भ मानव अभिप्रेरणा है। विभिन्न सिद्धांतों के अनुसार, बुनियादी ज़रूरतों में शारीरिक दुःख-दर्द को कम करने और सुख को अधिकतम बनाने के मूल में अभिप्रेरणा हो सकती है, या इसमें भोजन और आराम जैसी खास ज़रूरतों को शामिल किया जा सकता है; या एक अभिलषित वस्तु, शौक, लक्ष्य, अस्तित्व की दशा, आदर्श, को शामिल किया जा सकता है, या इनसे भी कमतर कारणों जैसे परोपकारिता, नैतिकता, या म्रत्यु संख्या से बचने को भी इसमें आरोपित किया जा सकता है।
Answer:
❥ एक भिखारी के मन में भी कार की इच्छा हो सकती है परन्तु उसकी इस इच्छा को हम आवश्यकता नहीं कह सकते हैं, क्योंकि उसके पास कार खरीदने के लिये पर्याप्त धन नहीं होता है। परन्तु यदि एक अमीर आदमी कार की इच्छा करे और उस पर धन खर्च करने को तैयार हो तो उसकी यही इच्छा एक आवश्यकता का रूप धारण कर लेती है।