ICSE class 10 hindi ekanki sanchay chapter 3 "matrubhoomi ka maan" work book question...
चारणी : महाराणा, अब तो आपकी आत्मा को शांति मिल गई होगी | अब तो आपने अपने सिर का कलंक का टीका धो लिया | यह देखिए बूंदी के दुर्ग पर मेवाड़ के सेनापति विजय पताका फहरा रहे हैं | वह सुनिए, मेवाड़ की सेना में विजय नगाड़ा बज रही है | (this extract is from ekanki sanchay text page number 37)
Q 1) वक्ता कौन है | उसके बयान का क्या अभिप्राय है?
please post answers only...
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उनके पौरुष की परीक्षा का दिन आ पहुँचा है। महारावल बाप्पा का वंशज मैं लाखा प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।
महाराणा लाखा ने प्रतिज्ञा क्यों ली?
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