If i were a bird essay in hindi
Answers
ANSWER:
इंसान या यूं कहें कि मनुष्य की अनेकों चाहते होती है, ख्वाहिशें होती है, ढेरों तमन्नाए दिल में रखकर वह जिंदगी जी रहा होता है। वह कहते हैं ना कि हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन फिर भी बहुत कम निकले !!!
तो इन्हीं सब इच्छाओं में से व्यक्ति की एक इच्छा होती है पक्षी बनने की, परिंदा बनने की; जी हां बिलकुल हर एक व्यक्ति अपने जीवन में जरूर एक ना एक बार तो यह विचार मन में लाता ही है कि काश वह एक पक्षी होता। अगर वह एक परिंदा होता तो जीवन कैसा होता !!???
पढ़ें : पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
अगर मैं एक पक्षी होता पर निबंध Essay on – If I were a Bird in Hindi
तो आइए आज इस भाव के बारे में मंथन करते हैं, विचार करते हैं। अगर मनुष्य पक्षी होता तो बस बेपरवाह आजाद सा होकर आसमान में उड़ता रहता, फिर तो किसी भी वस्तु, व्यक्ति, विचार, आडंबर, समाज की परवाह ना होती, ज़रा भी फिकर ना होती, ना ही बंधनों में बंधना पड़ता, बंधन जो बेवजह मनुष्य को पूरे जीवन रोक कर रखते हैं।
मनुष्य पक्षी होता तो बिना किसी रोक टोक कहीं भी आ जा सकता, फिर ना किसी टिकट की आवश्यकता होती ना किसी वीजा की, ना ही किसी की अनुमति की आवश्यकता होती, फिर सरहदों के झगड़े भी ना होते ना ही राज्य या क्षेत्र को लेकर बेवजह की अनबन।
मनुष्य अगर पक्षी होता तो उन सभी बोझों को नीचे फेंक देता जो मनुष्य की कमर पर लदे रहते हैं, जैसे ईर्ष्या, दूसरों से तुलना, मन में घृणा, लालच, बेइमानी, धोखा, झूठ, फरेब, दिखावा, नाम की इज्जत, अव्वल होने की होड़ आदि ।