India Languages, asked by karthikkennedy9445, 1 year ago

If there were no birds essay in marathi

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Answered by samriddhi9555
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केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि पक्षियों के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। पक्षी, मनुष्य व पर्यावरण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर कहीं पर्यावरण बिगड़ा तो पंछी तो बचेंगे ही नही मनुष्य का भी धरा पर जीना दुश्वार हो जाएगा। मनुष्य की जिम्मेदारी है कि वह पर्यावरण को बचाने के साथ -साथ पंछियों की जान बचाने का काम करें। हम सभी को पक्षियों को बचाने का आज से ही प्रण लेना होगा।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री भारत सरकार मेनका गांधी शनिवार को नवचेतना ट्रस्ट फरीदाबाद की तरफ से शुरू किए गए प्रोजेक्ट पंछी कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन करने उपरांत फरीदाबाद नगर निगम सभागार में आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रही थी। गांधी ने दीप शिखा प्रज्जवलित करके समारोह का शुभारंभ किया।

समारोह में इस ट्रस्ट के संरक्षक एवं हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के अलावा विधायक मूलचंद शर्मा व टेकचंद शर्मा, भाजपा के प्रदेश मीड़िया प्रभारी सूरजपाल अम्मू, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश नागर, नरेन्द्र गुप्ता, ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. प्रशांत भल्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, महापौर सुमन बाला, उपमहापौर मनमोहन गर्ग, उपायुक्त समीरपाल सरो, पुलिस आयुक्त डॉ. हनीफ कुरैशी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

दिवाली की आतिशबाजी खतरनाक

गांधी ने कहा कि पटाखा व आतिशबाजी आदि के भारी शोर-शराबे व चिंगारियों की वजह से पेड़ों पर आश्रय लिए पंछी या तो दूर उड़कर पलायन कर जाते हैं या फिर अकाल मौत का शिकार हो जाते है। ऐसे दुखद हादसे दीवाली व दशहरा जैसे त्योहारों के मौके पर अधिक देखने को मिलते हंै। पटाखा इत्यादि घरों में नहीं बल्कि एक साथ खुले अथवा पौधारहित मैदान में ही छुड़ाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें पक्षियों की सुरक्षा के हित में नीम, बरगद, शहतूत, सेमल, गूलर, तूत, जामुन, आम व कचनार जैसे फलदार पौधे लगाने चाहिए और अशोका, अलसटोनिया रबड़ व पैनोफोरम जैसे पौधे नहीं लगाने चाहिए। गांधी ने कहा कि हम अपनी छत पर या घर के बाहर पक्षियों के पीने के लिए बर्तनों में पानी भरकर रखें और मौसम के अनुसार अनाज के दाने बिखेर कर रखें तो पक्षियों की चहचाहट व संरक्षण को सुनिश्चित कर सकते है।

राष्ट्रीय पक्षी मोर की हो रही हत्या

मेनका गांधी ने कहा कि महज पंख के लिए राष्ट्रीय पक्षी मोर की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में मोर के पंखों की दुकानें सजी हुई हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो मोर का पंख न खरीदें, क्योंकि अगर मोर के पंख की बिक्री बंद हो जाएगी तो फिर मोर की हत्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पिंजरे में बंद करके चिड़िया की बिक्री करने वो देशद्रोह हैं। उन्होंने विदेशी पौधों से भी परहेज रखने के लिए कहा।

कंकरीट के जंगल पक्षियों के दुश्मन:गोयल

कार्यक्रम के आयोजक एवं ट्रस्ट के संरक्षक व हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि प्रोजेक्ट पंछी की मुहिम पक्षियों के हित में मानवता से जुड़ी है। पशु पक्षियों को अऋज खुले में केवल कंकरीट के जंगल ही दिखाई देते हैं और वे भोजन व जल की तलाश में भटकने को मजबूर हो गए हैं। यदि हम सभी पक्षियों की सुरक्षा का प्रण ले तो हमारी सुबह एक बार फिर मुर्गें की बांग और चिड़ियों की चहचाहट से भरी होगी।

पशुओं के लिए बुढ़ना में बनेगा अस्पताल

मंत्री गोयल ने कहा कि फरीदाबाद हलके के ग्राम बुढ़ैना में पशु-पक्षियों के उपचार के लिए अस्पताल बनाया जा रहा है। जहां बीमार और घायल पशुओं का इलाज किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पिपुल फार एनीमल की यूनिट दो को दी गई है। इस यूनिट को केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सहयोग से एक एंबुलेंस भी दी है, जिसकी मार्फत घायल पशुओं को अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इस एंबुलेंस की चाबी पिपुल फान एनीमल यूनिट-दो की प्रभारी प्रीति दूबे को सौंपी।

सहयोग का आश्वासन दिया

नवचेतना ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. प्रशांत भल्ला ने भी मुख्य अतिथि का स्वागत व्यक्त करते हुए ट्रस्ट की ओर से इस प्रकार के कल्याणकारी, रचनात्मक, पंछी सुरक्षा व समाजसेवा के कार्यों में हमेशा बढ़-चढ़कर सहयोग देने का आश्वासन दिया।

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