Hindi, asked by antraemailcom, 1 year ago

if were prime minister hindi nibandh

Answers

Answered by ranjanalok961
5
राजनीतिक स्थिरता के प्रयास– पिछले कुछ वर्षों में भारत में राजनीतिक अस्थिरता देखने को मिली है | राजनीतिक दलों की अधिक संख्या के कारण प्राय: किसी एक दल को बहुमत नहीं मिल पाता एंव गठबंधन की राजनीति को बढ़ावा मिलता है | गठबंधन की राजनीति कई प्रकार के राजनीतिक भ्रष्टाचार को जन्म देती है | इसलिए मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राजनीतिक स्थिरता के लिए राजनीति में अपराधीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति को नियंत्रण करने का प्रयास करता | राजनीति में अपराधीकरण की प्रवृत्ति पर नियंत्रण के बाद काफी हद तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति समाप्त हो सकेगी |

समाजिक समस्याओं का समाधान– धार्मिक कट्टरता, जाति प्रथा, अंधविश्वास, नारी-शोषण, दहेज-प्रथा, सामाजिक शोषण, बेरोजगारी, अशिक्षा, जनसंख्या-वृद्धि, भ्रष्टाचार, गरीबी इत्यादि हमारी प्रमुख सामाजिक समस्याएं हैं | ऐसा नहीं है कि ये सभी सामाजिक समस्याएं हमेशा से ही हमारे समाज में विद्यमान रही हैं, कुछ समस्याओं की जड़ धार्मिक कुरीतियां हैं, तो कुछ ऐसी समस्याएं भी हैं, जिन्होंने सदियों की गुलामी के बाद समाज में अपनी जड़ें स्थापित कर लीं, जबकि कुछ समस्याओं के मूल में दूसरी पुरानी समस्याएं रही हैं | देश एंव समाज की वास्तविक प्रगति के लिए इन समस्याओं का शीघ्र समाधान आवश्यक है | एक प्रधानमंत्री के रुप में मैं बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने के लिए व्यावहारिक एंव व्यावसायिक रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर लोगों को स्वरोजगार अर्थात निजी उद्यम एंव व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए प्रेरित करता | बेरोजगारी को कम करने से गरीबी को कम करने में भी मदद मिलती | गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन आदि दूर होने के बाद भ्रष्टाचार में स्वभाविक रुप से कमी होती | मैं भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दिलवाने के लिए दंड-प्रतिक्रिया एवं दंड संहिता में संशोधन कर कानून को और कठोर बनाता तथा भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाता | बेरोजगारी, गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, नारी-शोषण, अशिक्षा एवं भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का समाधान हो जाने के बाद शेष समस्याओं का समाधान स्वत: ही हो जाता |

आर्थिक चुनौतियों का समाधान– पिछले दशकों में भारत की आर्थिक वृद्धि हालांकि संतोषजनक रही है, किन्तु अभी भी यह विश्व में वह स्थान प्राप्त नहीं कर पाया है जिसका यह हकदार है | इसका कारण यह है कि इसके सामने अनेक प्रकार की चुनौतियां हैं, जिनका समाधान किए बगैर इसके आर्थिक विकास को समुचित गति नहीं मिल सकती | जनसंख्या-वृद्धि, आर्थिक विषमता, भ्रष्टाचार, गरीबी, सामाजिक शोषण, बेरोजगारी, अशिक्षा, औद्योगीकरण की मन्द प्रक्रिया इत्यादि भारत में आर्थिक विकास की कुछ मुख्य चुनौतियां हैं | प्रधानमंत्री के रुप में मैं इन आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश करता |

भारतीय विदेश नीति में सुधार– अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में किसी भी देश की स्थिति तब ही सुदृढ़ हो सकती है, जब उसकी विदेश नीति सही हो | भारत एक शांतिप्रिय देश है | दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने एंव परस्पर सहयोग के लिए मैं भारतीय विदेश नीति में सुधार करता |

महंगाई पर नियंत्रण– आज जिस तरह से महंगाई का ग्राफ ऊपर जा रहा है, उससे हर इंसान परेशान है | दूध, पेट्रोल, अनाज, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीवन दूभर कर दिया है | इस पर समय रहते यदि नियन्त्रण नहीं किया गया, तो अनेक जटिलताओं, बुराइयों एंव भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि मंद पड़ जाएगी | महंगाई की मार आम आदमी पर सर्वाधिक पड़ती है, जिससे उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है | फलस्वरुप पूरे देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होती है | अतः महंगाई पर नियंत्रण के लिए यथाशीघ्र कड़े से कड़े कदम उठाते हुए मैं जमाखोरी, मुनाफाखोरी एवं कालाबाजारी को समाप्त करता |

इस तरह स्पष्ट है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश एंव देश की जनता को सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक एवं शैक्षिक सुदृढ़ कर भारत को पूर्णत: विकसित ही नहीं खुशहाल देश बनाने का अपना सपना साकार करता |

Similar questions