Hindi, asked by ayush128827, 3 months ago

if you gave correct answer then I will make you brainlist

1)रस की paribasha kya hai ??????
2)रस कितने भेद है????
3)रस kaha istamal ho ta hai??/?
4)रस कैसे bana hai????
5)रस ke har एक prakar ke example likho ???​

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Answered by akkaushal309
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1 रस की परिभाषा रस : रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। ... श्रव्य काव्य के पठन अथवा श्रवण एवं दृश्य काव्य के दर्शन तथा श्रवण में जो अलौकिक आनन्द प्राप्त होता है, वही काव्य में रस कहलाता है।

2. श्रृंगार रस,हास्य रस,करुण रस,वीर रस,रौद्र रस,भयानक रस,वीभत्स रस

3.रस, छंद और अलंकार - काव्य रचना के आवश्यक अवयव हैं।

4.रस काव्य का मूल आधार ' प्राणतत्व ' अथवा ' आत्मा ' है रस का संबंध ' सृ ' धातु से माना गया है। जिसका अर्थ है जो बहता है , अर्थात जो भाव रूप में हृदय में बहता है उसे को रस कहते हैं।

5. श्रृंगार रस रति - दूलह श्रीरघुनाथ बने दुलही सिय सुन्दर मन्दिर माहीं। गावति गीत सबै मिलि सुन्दरि बेद जुवा जुरि बिप्र पढ़ाहीं॥ राम को रूप निहारति जानकि कंकन के नग की परछाहीं। यातें सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही, पल टारत नाहीं॥

हास्य रस हास - आगे चले बहुरि रघुराई । पाछे लरिकन धुनी उड़ाई।

करुण रस शोक

रौद्र रस क्रोध- अतिरस बोले बचन कठोर। बेगि देखाउ मूढ़ नत आजू। उलटउँ महि जहाँ लग तवराजू।

वीर रस उत्साह

भयानक रस भय

वीभत्स रस घृणा, जुगुप्सा

अद्भुत रस आश्चर्य

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