ई) अनुच्छेद पढकर प्रश्नों के उत्तर दीजिए|
बहुत समय पहले की बात है| श्रवण कुमार नामक एक बालिक रहता था| उसके माता-पिता
देख नहीं सकते थें| किंतु उन्हें इस बात का दुख नहीं था| उनका पुत्र सदैव उनकी सेवा में तत्पर
रहता था| एक दिन माता-पिता ने अपने पुत्र से चारधाम यात्रा की इछा व्यक्त की| पुत्र काँवर
में बीठाकर अपने माता-पिता को चारधाम की यात्रा पर ले गया| रास्ते में माता-पिता को प्यास
लगी| उनके लिए पानी लाने के लिए श्रावण कुमार तालाब के पास पहुंचा| उसे समय राजा दशरथ
तालाब के पास वाले जंगिल में शिकार कर रहे थे| श्रावण द्वारा तालाब की ध्वनि
सुनकर वे हाथी समझ बैठे| शब्दभेदी बाण चला दिया| इस बाण से श्रावण परलोक सिधार गया|
माता-पिता की सेवा में आजीवन आगे रहने वाला श्रावण, इतिहास में सदैव अमर रहेगा|
1. माता-पिता की सेवा में कौन तत्पर था?
2. श्रावण कुमार के बारे में आप क्या जानते हैं ?
0.03. रेखांकित शब्द का संधि विच्छेद कीजिए|
4. अनुच्छेद केलिए उचित शीर्षक दीजिए|
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 2
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पाठ्यक्रम के आधार पर प्रश्न का उत्तर कुछ इस प्रकार है कि
1.
श्रवण कुमार के माता-पिता के दुख को ना देख पाकर अपने माता-पिता के सहयोग में हमेशा तत्पर रहता था
2.
श्रवण कुमार अपने माता पिता के प्रति अत्यंत समर्पित और निष्ठावान परम भक्त था उसकी यह असीम भक्ति को देखकर वह स्वर्ग सुधारने के लिए एक बार में ही तैयार हो गया जीवन के कुछ पहलुओं में उसे आज भी याद किया जाता है और किसी याद में हमसे आज ही के हाथ के पन्नों में हमर जान जीवन को माता पिता के प्रति निछावर कर दिया यही कारण था कि आज भी श्रवण कुमार को जानते हैं अन्यथा कर्म ही पूजा है.
3. पूछे गए प्रश्न अनुसार आपके प्रश्न में रेखांकित शब्द दिखाई नहीं दे रहे हैं अन्यथा आप से जरा परिवर्तन कर दें इससे हमें काफी लाभ हो सकती है जिससे हम आपके प्रश्नों का हल कर सके ना हम उस काबिल बने जो आपके प्रश्नों का हल दे सके अन्यथा आप केवल एक यांत्रिक विधि के द्वारा भी से भेज सकते हैं जिसे हम फोटोकॉपी कहते हैं फोटो के के द्वारा भी भेजें यह बड़ा ही सहज उपाय है भेजने का भेज दे.
4. पठित पाठ के आधार पर कहानी का शीर्षक श्रवण कुमार की प्रतिज्ञा होनी चाहिए क्योंकि इसमें श्रवण कुमार की असीम भक्ति स्थानांतरण मिस पूजा एवं अति धर्म प्रिय लक्षणे को प्रदर्शित किया गया है पठित पाठ के आधार पर श्रवण कुमार की प्रतिज्ञा तथा उचित पाठ के आधार पर इसे श्रवण कुमार भी कहा जा सकता है जिससे हमें श्रवण कुमार की इतिहास के बारे में प्रदर्शित बनाया जा सके तथा उसे प्रदर्शित कर सकें अन्यथा कर्म ही पूजा है
1.
श्रवण कुमार के माता-पिता के दुख को ना देख पाकर अपने माता-पिता के सहयोग में हमेशा तत्पर रहता था
2.
श्रवण कुमार अपने माता पिता के प्रति अत्यंत समर्पित और निष्ठावान परम भक्त था उसकी यह असीम भक्ति को देखकर वह स्वर्ग सुधारने के लिए एक बार में ही तैयार हो गया जीवन के कुछ पहलुओं में उसे आज भी याद किया जाता है और किसी याद में हमसे आज ही के हाथ के पन्नों में हमर जान जीवन को माता पिता के प्रति निछावर कर दिया यही कारण था कि आज भी श्रवण कुमार को जानते हैं अन्यथा कर्म ही पूजा है.
3. पूछे गए प्रश्न अनुसार आपके प्रश्न में रेखांकित शब्द दिखाई नहीं दे रहे हैं अन्यथा आप से जरा परिवर्तन कर दें इससे हमें काफी लाभ हो सकती है जिससे हम आपके प्रश्नों का हल कर सके ना हम उस काबिल बने जो आपके प्रश्नों का हल दे सके अन्यथा आप केवल एक यांत्रिक विधि के द्वारा भी से भेज सकते हैं जिसे हम फोटोकॉपी कहते हैं फोटो के के द्वारा भी भेजें यह बड़ा ही सहज उपाय है भेजने का भेज दे.
4. पठित पाठ के आधार पर कहानी का शीर्षक श्रवण कुमार की प्रतिज्ञा होनी चाहिए क्योंकि इसमें श्रवण कुमार की असीम भक्ति स्थानांतरण मिस पूजा एवं अति धर्म प्रिय लक्षणे को प्रदर्शित किया गया है पठित पाठ के आधार पर श्रवण कुमार की प्रतिज्ञा तथा उचित पाठ के आधार पर इसे श्रवण कुमार भी कहा जा सकता है जिससे हमें श्रवण कुमार की इतिहास के बारे में प्रदर्शित बनाया जा सके तथा उसे प्रदर्शित कर सकें अन्यथा कर्म ही पूजा है
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१.माता पिता की सेवा में कौन तत्पर था?
ज माता -पिता की सेवा में श्रावण कुमार तत्पर था |
2.श्रावण कुमार के बारे में आप क्या जानते है?
|श्रावण कुमार एक अंधे माता पिता का पुत्र था|वह हमेशा माता पिता की सेवा में लगा रहता था|
3.सदैव = सदा +एव (वृद्दि संधि)
4.श्रावण की मात्रु पितृ भक्ति|
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