(ii) हिन्दी भाषा के संदर्भ में शुद्धतावादी होने का क्या अभिप्राय है?
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हिन्दी भाषा के संदर्भ में शुद्धतावादी होने का अभिप्राय
Explanation:
- भाषा शुद्धतावाद (linguistic purism) या भाषा संरक्षणवाद (linguistic protectionism) ऐसी विचारधारा को कहते हैं जिसमें किसी भाषा के एक विशेष रूप या प्रकार को अन्य रूपों या प्रकारों से अधिक उत्कृष्ट समझा जाये।
- हिंदी भाषा के संदर्भ में शुद्धतावादी होने से तात्पर्य उसका अरबी, फ़ारसी, अंग्रेज़ी इत्यादि गैर-हिंदी भाषाओं से शब्दों को ग्रहण न करने तथा हिंदी की बोलियों व उनके शब्दों को प्रधानता प्रदान करके हिंदी का विकास करने से है।
- हिंदी भाषा में अनेक भाषाओं और संस्कृतियों के शब्दों को आत्मसात् करने की क्षमता है। अपने इसी गुण के कारण हिंदी भारतीय संस्कृति की पहचान बन गई है।
- हिंदी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए सरकार तथा जनता की दृढ़ इच्छाशक्ति, सजगता और सचेष्टता की आवश्यकता है।
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